पश्चिम बंगाल में एक बार फिर से बीजेपी और टीएमसी आमने-सामने है। टीएमसी ने धर्मतला में गांधी प्रतिमा के पास ‘भाषा आंदोलन’ के लिए मंच बनाया था। लेकिन जैसे ही इसकी अनुमति खत्म हुई, उसके बाद सेना ने मंच को हटा दिया। इसके बाद टीएमसी भड़क गई और उसने बताया कि यह कदम शर्मनाक है। बता दें कि मंच को लगाने के लिए कोर्ट से टीएमसी को शनिवार और रविवार यानी 30 अगस्त और 31 अगस्त तक की परमिशन थी। जैसे ही परमिशन खत्म हुई सोमवार को सेना की टुकड़ी टीएमसी के मंच के पास पहुंची और मंच को हटा दिया।
सेना ने क्या कहा?
सेना ने साफ कहा कि 2 दिन के कार्यक्रम के लिए मंच बनाने की अनुमति मिली थी और उसे एक हफ्ते तक बनाए नहीं रखा जा सकता। सेना ने बताया कि स्थानीय सैन्य प्राधिकरण मैदान क्षेत्र में दो दिन तक के आयोजनों की अनुमति दे सकता है। वहीं तीन दिनों से अधिक समय तक चलने वाले आयोजन के लिए रक्षा मंत्रालय की अनुमति आवश्यक होती है। सेना के अनुसार आयोजकों ने कथित तौर पर मंच को लगभग 1 महीने तक बनाए रखा था। इसके कारण सेना ने पहले कोलकाता पुलिस को इसकी सूचना दी और फिर इसे तोड़ दिया। सेना के कदम से नाराज टीएमसी नेता बैशनवर चट्टोपाध्याय ने कहा कि बीजेपी बंगाल विरोधी है और उसने ही मंच को हटाने के लिए सेना को बुलाया। चट्टोपाध्याय ने कहा कि मैंने अपने 35 साल के राजनीतिक अनुभव में कभी भी किसी मंच को तोड़ने के लिए सेना के इस्तेमाल को नहीं देखा।
ममता बनर्जी ने बीजेपी पर साधा निशाना
वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि आप सभी बंगाली भाषा पर हो रहे हमले को देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें सेना से कोई शिकायत नहीं है बल्कि हमें गर्व है, लेकिन अगर किसी राजनीतिक दल के मंच, सजावट और माइक्रोफोन को हटाने के लिए सेना का दुरुपयोग किया जाता है तो यह भी स्वीकार नहीं है। ममता बनर्जी ने कहा कि पहले पुलिस से सलाह लेनी चाहिए थे, क्योंकि कानून व्यवस्था पुलिस कमिश्नर के अंतर्गत आता है।
ममता बनर्जी ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी, टीएमसी के मंच को हटाने के लिए जबरन सैन्य बलों का उपयोग कर रही है। बीजेपी कोलकाता पुलिस का अपमान नहीं कर सकती।
बीजेपी ने क्या कहा?
वहीं भाजपा ने टीएमसी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों को नकार दिया है। बीजेपी ने कहा कि टीएमसी सैन्य बलों को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता सजल घोष ने कहा कि टीएमसी सेना को पुलिस के बराबर बताने की कोशिश कर रही है और चाहती है कि वह भी उनकी पार्टी के अनुसार ही काम करे। बीजेपी ने कहा कि टीएमसी ने पहले ही पुलिस की विश्वसनीयता को कम कर दिया है।