मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केरल भवन पर दिल्ली पुलिस की ‘‘छापेमारी’’ की निंदा की। पुलिस को शिकायत मिली थी कि केरल भवन की कैंटीन में गोमांस परोसा जा रहा है जिसके बाद छापेमारी हुई। मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताया कि क्या मुख्यमंत्री को किसी राज्य के अतिथि गृह से गिरफ्तार किया जा सकता है अगर उस पर भाजपा की पसंद का खाना नहीं खाने का संदेह हो।
दूसरी ओर केरल भवन पर दिल्ली पुलिस की छापेमारी पर केरल के सांसदों ने आपत्ति जताई। छापेमारी के विरोध में दिल्ली में मौजूद वहां के सांसदों ने प्रदर्शन किया।
दिल्ली पुलिस की एक टीम राज्य के अतिथि गृह में सोमवार को यह सूचना मिलने के बाद गई थी कि वहां गोमांस परोसा जा रहा है। केरल के मुख्यमंत्री ओम्मन चांडी ने अतिथि गृह पर दिल्ली पुलिस की ‘‘छापेमारी’’ की मंगलवार को निंदा की।
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं केरल हाउस पर दिल्ली पुलिस की छापेमारी की कड़ी निंदा करता हूं। मैं केरल के मुख्यमंत्री से सहमत हूं कि केरल हाउस एक सरकारी जगह है न कि निजी होटल। दिल्ली पुलिस को केरल हाउस में नहीं घुसना था। यह संघीय ढांचे पर हमला है। दिल्ली पुलिस भाजपा सेना की तरह काम कर रही है।’’
केरल भवन में गोमांस नहीं, व्यंजन सूची से भैंस का मांस हटाया गया
केजरीवाल ने कहा, ‘‘क्या दिल्ली पुलिस दिल्ली में किसी राज्य भवन से मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर सकती है अगर उसे संदेह है कि मुख्यमंत्री भाजपा या मोदी की पसंद की चीज नहीं खा रहे हैं?’’
केरल के मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग गोमांस पर प्रतिबंध को लेकर अनावश्यक गतिरोध खड़ा कर रहे हैं और उनकी सरकार दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को केंद्र के समक्ष उठाएगी।
पुलिस ने केरल भवन पर ‘छापेमारी’ नहीं की: बस्सी
दिल्ली के पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इस दलील को खारिज कर दिया कि पुलिस ने कथित तौर पर गोमांस परोसे जाने की शिकायत के बाद केरल भवन पर ‘छापेमारी’ की थी। उन्होंने कहा कि पुलिस की ओर से ‘ऐहतियातन कदम’ उठाया गया।
बस्सी ने कहा कि केरल भवन के कर्मचारियों ने उन्हें कैंटीन की व्यंजन सूची में गोमांस नहीं होने के बारे में सूचित कर दिया था तथा वहां किसी तरह का प्रदर्शन रोकने के लिए ऐहतियाती कदम के तौर पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।
पुलिस आयुक्त ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह छापेमारी नहीं थी। यह हमारी मानक परिचालन प्रक्रियाओं के तहत उठाया गया ऐहतियाती कदम था। हमारे पास जैसे ही फोन आया हमने किसी तरह के प्रदर्शन को रोकने के लिए उनके निजी सुक्षा कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया। हमने वहां एहतियाती सुरक्षा कदम उठाए तथा वहां काम करने वाले कर्मचारियों को सतर्क किया।’’
केरल भवन में पुलिस के पहुंचने से पहले ‘गोमांस करी’ को व्यंजन सूची से हटा दिए जाने संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर बस्सी ने कहा, ‘‘मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।…हमें कर्मचारियों द्वारा सूचित किया गया कि व्यंजन सूची में गोमांस नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें एक ऐसे व्यक्ति ने फोन किया जो कानून अपने हाथ में लेने के मामले में संज्ञान में आया था। इसलिए, हमने केरल भवन में काम करने वाले कर्मचारियों को पहले ही अलर्ट कर दिया।’’
बस्सी ने केरल भवन में पुलिस जांच को जायज ठहराने के लिए दिल्ली कृषि पशु संरक्षण अधिनियम-1994 का हवाला दिया जिसके तहत गाय, बछड़ा, बैल और सांढ़ को काटना गैरकानूनी है।
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