राजेंद्र सजवान
महिला पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए गठित सात सदस्यीय जांच समिति तीन महीने बीत जाने के बाद भी अपनी रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाई है या रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा। बेशक, पीटी उषा और मेरीकाम से बेहतर जज कोई और नहीं हो सकतीं। दोनों ही भारतीय खेलों की सर्वश्रेष्ठ और सर्वमान्य दूत हैं। उनकी खेल उपलब्धियां बढ़ चढ़ कर रही हैं और अब राजनीति में भी उनके दखल को सम्मान दिया जाने लगा है।
बृज भूषण शरण पर कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज पहलवान एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर हुए हैं। साक्षी मालिक, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट, बजरंग पूनिया और अन्य कई पहलवान फिर से जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पहलवान सीधे सीधे अपने महासंघ अध्यक्ष पर कार्रवाई चाहते हैं। पहलवानों के अनुसार उनके सब्र का बांध टूट चुका है। वे इसलिए न्याय चाहते हैं ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी खुद को खेल से बड़ा समझने की भूल न करे।
लेकिन सवाल यह भी पैदा होता है कि यदि बृजभूषण का कोई कुसूर नहीं है और वह पाक साफ हैं तो महिला पहलवानों ने गंभीर आरोप क्यों लगाए? सीधा सा मतलब है कि पहलवान झूठ बोल रही हैं और उनके पीछे किसी का हाथ है। अध्यक्ष के कुछ करीबी कह रहे हैं कि आरोप लगाने वाली पहलवान अपना श्रेष्ठ पीछे छोड़ चुकी हैं।
कुश्ती महासंघ अध्यक्ष और छह बार के सांसद बृज भूषण शरण सिंह पर लगे यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट भले ही आम नहीं हुई है लेकिन सूत्र बताते हैं कि उनको पाक साफ बचा लिया गया है। हालांकि कुछ दिन पहले उन्होंने आगे चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा भी कर दी है।
असंतुष्ट पहलवान जानना चाहते हैं कि तीन कार्यकाल पूरे करने के बाद यदि वे बस कर रहे हैं तो कौनसा बड़ा अहसान कर रहे हैं। उनके लिए वैसे भी सारे रास्ते बंद हो चुके हैं। हालांकि वे कोई और रास्ता खोज रहे हैं, ऐसा उन्होंने खुद कहा है। हैरानी इस बात की है कि महिला सशक्तिकरण की दुहाई देने वाली सरकारें, सामाजिक संगठन, महिला आयोग, नेता सांसद, खुद महिला खिलाड़ी और महिला खिलाड़ियों की शीर्ष महिलाओं को भी पहलवानों की पीड़ा दिखाई सुनाई नहीं दे रही।
उनकी एफआइआर दर्ज नहीं हो पा रही है।पता नहीं महिला पहलवानों को न्याय मिलेगा या बृजभूषण शरण बेकसूर साबित होंगे लेकिन खेल हलकों में यह हवा जोरों पर है कि ऊषा और मेरी से न्याय की उम्मीद गलतफहमी होगी। चूंकि दोनों खिलाड़ी से नेता बन गई हैं।