पीएम नरेंद्र मोदी के ऊपर बनाई गई डाक्यूमेंट्री ‘India: The Modi Question’ को लेकर ब्रिटिश मीडिया कंपनी BBC की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। मानहानि के केस को लेकर ब्रिटिश कंपनी ने कुछ दिन पहले दिल्ली की लोअर कोर्ट को आंखें दिखा दी थीं। न्यायपालिका को कंपनी का ये तेवर रास नहीं आया। यही वजह थी कि कंपनी के खिलाफ इसी मामले में गुजरात की एक संस्था एक दूसरी शिकायत लेकर हाईकोर्ट पहुंची तो जस्टिस ने अपने तीखे तेवर दिखा ही दिए। दिल्ली हाईकोर्ट ने BBC को फटकार लगाते हुए कहा कि कंपनी को हर मुमकिन जरिये से समन भेजा जाए।
गुजरात की संस्था Justice on Trial ने दायर किया है मानहानि का केस
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता ने तीखे तेवरों में कहा कि दो पार्ट में बनाई गई डाक्यूमेंट्री से पीएम नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने की कोशिश की गई। भारत की न्यायपालिका की साख पर भी बट्टा लगाने काम भी ब्रिटिश कंपनी ने किया। गुजरात की संस्था Justice on Trial की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने BBC को समन भेजा है। जस्टिस ने कहा कि कंपनी को हर उस तरीके से नोटिस पहुंचाया जाए जो अमल में आ सकता है।
गुजरात की संस्था Justice on Trial ने अपनी याचिका में कहा है कि BBC ने डाक्यूमेंट्री के जरिये भारत की छवि को खराब किया। संस्था की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने कहा कि डाक्यूमेंट्री ने भारत की न्यायपालिका को भी कमतर करके आंका। उनका कहना था कि कंपनी के खिलाफ मानहानि का केस चलाया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने BBC को समन करके मामले की सुनवाई के लिए सितंबर की तारीख तय की है।
बीजेपी नेता की रिट पर रोहिणी की कोर्ट ने BBC को किया था समन
इससे पहले रोहिणी की कोर्ट ने बीजेपी नेता विनय कुमार सिंह की याचिरा पर BBC को समन भेजा था। बीजेपी नेता ने मानहानि का केस दायर किया था। उन्होंने अपनी रिट में कहा था कि डाक्यूमेंट्री को भारत सरकार ने बैन कर रखा है लेकिन Wikipedia पर अभी भी इसको लेकर एक पेज है। इंटरनेट पर लोग इसे देख रहे हैं। अदालत इस पेज को हटवाने के लिए आदेश जारी करे।
BBC ने रोहिणी कोर्ट में मानहानि केस का नोटिस लेने से किया था इनकार
पिछली तारीख पर रोहिणी कोर्ट में BBC के वकील भी पेश हुए थे। बीजेपी नेता के वकीलों ने उन्हें मानहानि का नोटिस देने की कोशिश की तो BBC के वकील ने ये कहते हुए नोटिस लेने से मना कर दिया कि दिल्ली की कोर्ट को उसके खिलाफ मानहानि का केस चलाने का अधिकार नहीं है। उनका कहना था कि ये एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है। रोहिणी की कोर्ट 26 मई को BBC से वो दलीलें सुनने जा रही है जिसके तहत उसने दावा किया है कि भारत में उसके खिलाफ केस नहीं चल सकता।