BBC Documentary Row: कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बने बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री पर ‘सेंसरशिप’ के लिए सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस द्वारा यह आलोचना ऐसे वक्त की गई है, जब केंद्र सरकार ने हाल ही में आईटी नियमों के तहत आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ के पहले भाग पर प्रतिबंध लगा दिया।
इससे पहले बीते 20 जनवरी को विदेश मंत्रालय ने दो पार्ट वाली इस डॉक्यूमेंट्री को ‘दुष्प्रचार का एक हिस्सा’ करार देते हुए सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है।
साल 1970 में इंदिरा गांधी ने लगाया था बीबीसी पर बैन
बीबीसी पर कोई पहली बार प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। इससे पहले साल 1970 में तब इंदिरा गांधी सरकार ने बीबीसी को बैन कर दिया था। तब जनसंघ ने कांग्रेस का समर्थन किया था। तब बीबीसी में अपने शो में भारत की नकारात्मक तस्वीर पेश की गई थी। 1970 में फ्रांसीसी निर्देशक लुइस मैले की डॉक्यूमेंट्री सीरीज बीबीसी पर दिखाई गई, इसके परिणामस्वरूप दिल्ली स्थित बीबीसी का दफ्तर दो साल के लिए बंद कर दिया गया था।
1970 की गर्मियों में लुइस मैले की दो डॉक्यूमेंट्री कलकत्ता और फैंटम इंडिया का प्रसारण ब्रिटिश टेलीविजन पर किया गया था। इस प्रसारण के बाद ब्रिटेन में बसे भारतीयों ने बीबीसी की तीखी आलोचना की। विरोध का ये स्वर दिल्ली पहुंचा और सरकार को भी इसकी जानकारी मिली। तब इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं।
इंदिरा सरकार द्वारा भारत में बीबीसी को नोटिस दिए जाने के दो सप्ताह बाद इसको लेकर बहस हुई। लोकसभा में 27 अगस्त, 1970 को कांग्रेस (O) सांसद तारकेश्वरी सिन्हा, जो बिहार के बाढ़ निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। उन्होंने इस मुद्दे पर एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया। कई सांसदों ने इस चर्चा में भाग लिया, कई विपक्षी सदस्यों ने सरकार के कदम का समर्थन किया था। सिन्हा 1969 में कांग्रेस के विभाजन के बाद मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली कांग्रेस (ओ) में शामिल हो गए थे, हालांकि वे आपातकाल के दौरान कई वर्षों बाद इंदिरा के नेतृत्व वाली कांग्रेस में लौट आए थे।