हिंदू सेना के सदस्यों ने रविवार को दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग (Kasturba Gandhi Marg) पर स्थित बीबीसी ऑफिस (BBC Office) पर विरोध प्रदर्शन किया। दरअसल हिंदू सेना (Hindu Sena) के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन बीबीसी की उस डॉक्यूमेंट्री के विरोध में किया, जो 2002 के दंगों पर बनाई गई है। बता दें कि सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को यूट्यूब और ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने के भी निर्देश दिए हैं।
बीबीसी भारत की एकता के लिए खतरा
हिंदू सेना के सदस्यों ने बीबीसी ऑफिस के गेट पर उसके विरोध में तख्तियां भी लगाईं। इन तख्तियों पर लिखा था, “बीबीसी भारत की एकता के लिए खतरा है और उसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।” इसके अलावा “बीबीसी भारत की छवि खराब करना बंद करो”, “बीबीसी भारत छोड़ो” के नारे भी तख्तियों पर लिखे हुए थे। इस दौरान वहां पर बड़ी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती भी की गई थी।
विरोध प्रदर्शन को लेकर हिंदू सेना के स्थानीय नेता विष्णु गुप्ता ने कहा कि बीबीसी देश की छवि खराब करने का काम कर रहा है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “बीबीसी देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है और इसे तुरंत प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। बीबीसी देश की छवि खराब करने का काम कर रहा है। अब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को निशाना बना रहे हैं।”
कैलिफोर्निया में भी विरोध प्रदर्शन
वहीं शनिवार को भारतीय प्रवासियों (Indian diaspora) ने कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को खाड़ी क्षेत्र में फ्रेमोंट में BBC documentary series “India: The Modi Question” के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। “इंडियन डायस्पोरा” के बैनर तले लगभग 50 सदस्यों ने नारे लगाए और अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को क्षेत्र में फ्रेमोंट की सड़कों के माध्यम से यह कहते हुए मार्च किया कि वे “बीबीसी की भयावह और पक्षपातपूर्ण डाक्यूमेंट्री को अस्वीकार करते हैं।” फ़्रेमोंट में मार्च करते समय लोग “पक्षपाती बीबीसी” और “नस्लवादी बीबीसी” जैसे नारे लगा रहे थे।
केंद्र सरकार द्वारा बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री बैन करने पर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। विपक्ष का कहना है कि सरकार देश में फ्री स्पीच को दबाने की कोशिश कर रही है। सरकार के बैन के बावजूद गुरुवार को केरल कांग्रेस ने तिरुअनंतपुरम में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्पेशल स्क्रीनिंग की। बता दें कि जेएनयू में भी स्क्रीनिंग का प्रोग्राम रखा गया था। लेकिन यह विवादों में आ गया और वहां पर पत्थरबाजी की घटना भी हुई।
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दुष्प्रचार का एक हिस्सा
BBC की इस डॉक्यूमेंट्री को भारत ‘दुष्प्रचार का एक हिस्सा’ करार दे चुका है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने BBC की इस डॉक्यूमेंट्री के बारे में कहा था कि यह एक ‘गलत नैरेटिव’ को आगे बढ़ाने के लिए प्रॉपेगैंडा का एक हिस्सा है। बागची ने कहा था कि यह हमें इस कवायद के उद्देश्य और इसके पीछे के एजेंडा के बारे में सोचने पर मजबूर करता है।