Bar Council of India: बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर कर केंद्र सरकार को अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में संशोधन करने का निर्देश देने की मांग की है। ताकि राज्य बार काउंसिलों में वकीलों के नामांकन के लिए शुल्क बढ़ाया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जुलाई में फैसला दिया था कि राज्य बार काउंसिल और बीसीआई अधिवक्ता अधिनियम द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक नामांकन शुल्क नहीं ले सकते । इसका मतलब यह हुआ कि बार काउंसिल नामांकन के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों से केवल 750 रुपये और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों से 125 रुपये शुल्क ले सकती है।
यह फैसला उस मामले में पारित किया गया जिसमें केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्य बार काउंसिलों द्वारा निर्धारित उच्च नामांकन शुल्क के बारे में चिंता व्यक्त की गई थी।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीआई ने अब कहा है कि नामांकन शुल्क बार काउंसिलों की आय का मुख्य साधन है। बीसीआई ने कहा कि ऐसी आय के बिना बार काउंसिलों का कामकाज मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि वे अपने कर्मचारियों का वेतन या अन्य शुल्क का भुगतान करने में सक्षम नहीं होंगे।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया की याचिका में कहा गया है कि यह भी एक स्वीकार्य तथ्य है कि यदि राज्य बार काउंसिलों को आज 600 रुपये से अधिक शुल्क लेने से रोक दिया जाता है, तो स्वाभाविक रूप से बार काउंसिल और बार काउंसिल ऑफ इंडिया अपनी मौत मर जाएंगे। उनका अस्तित्व बचाए रखना न केवल कठिन होगा , बल्कि असंभव होगा।
इसलिए, बीसीआई ने अधिवक्ता अधिनियम में उचित संशोधन की मांग की है, ताकि अधिनियम द्वारा वर्तमान में निर्धारित सीमा से परे नामांकन शुल्क में वृद्धि की अनुमति दी जा सके। बीसीआई ने कहा कि वैधानिक नामांकन शुल्क में आखिरी बार 1993 में वृद्धि की गई थी। बीसीआई ने कहा कि मुद्रास्फीति के बढ़ते स्तर के बावजूद, पिछले तीन दशकों में कोई और बदलाव नहीं हुआ है।
यह तर्क दिया गया कि जिस वस्तु की कीमत साल 1960 में 100 रुपये थी, उसकी कीमत साल 2022 की शुरुआत में 7804.85 रुपये हो गई। साल 2023 में मुद्रास्फीति की दर 5.8% निर्धारित की गई है। यदि उक्त अवधारणा और समझ को लागू किया जाता है तो वर्तमान में लिया जाने वाला नामांकन शुल्क लगभग 50,000 रुपये होगा।
बीसीआई ने इससे पहले केंद्र सरकार को अधिवक्ता अधिनियम में संशोधन करने और सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए नामांकन शुल्क को संशोधित कर 25,000 रुपये और बार काउंसिल ऑफ इंडिया फंड शुल्क को संशोधित कर 6,250 रुपये करने के लिए पत्र लिखा था।
एससी/एसटी छात्रों के लिए इसने मांग की कि राज्य बार काउंसिल के लिए नामांकन शुल्क 10,000 रुपये और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के लिए 2,500 रुपये हो। बीसीआई ने भारतीय रिजर्व बैंक के मुद्रास्फीति कैलकुलेटर के आधार पर भविष्य में मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए इन शुल्कों को संशोधित करने की स्वतंत्रता भी मांगी।
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