देश में ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’ के अलावा शादी के दौरान की सभी गतिविधियों को अलग अलग और विशेष ‘थीम’ देने का प्रचलन भी बढ़ा है। इस प्रकार इसने एक बड़े बाजार को जन्म दिया है जो ‘वेडिंग इंडस्ट्री’ या ‘शादी उद्योग’ के रूप में जाना जाने लगा है। इतना ही नहीं कुछ सालों के दौरान इस उद्योग का मौद्रिक आकार बढ़कर 3.75 लाख करोड़ रुपए का हो गया है।

‘इकोनामिस्ट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक ‘शादी उद्योग’ भारत का चौथा सबसे बड़ा उद्योग बन गया है। वर्तमान में देश की लगभग 34 फीसद आबादी की उम्र 20-39 साल है जबकि 10 फीसद आबादी की उम्र 15-19 साल के बीच है। आने वाले समय में विवाह योग्य होने वाली देश की इस बड़ी युवा आबादी को देखते हुए माना जा रहा है कि एक दशक तक इसमें तेजी से वृद्धि होने की ही संभावना है।

‘कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स’ (सीएआइटी) के मुताबिक नवंबर 2022 से दिसंबर 2022 के बीच एक महीने के भीतर देश में 25 लाख से अधिक शादियां हुईं। लाखों की तादाद में होने वाली शादियों के दौरान हर साल औसतन 60 हजार करोड़ रुपए आभूषणों पर, 10 हजार करोड़ रुपए परिधानों पर और पांच हजार करोड़ रुपए होटल में कमरे किराए पर लेने पर खर्च किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त खाने पीने, सजावट, उपहार, फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी और आमंत्रण के तरीकों पर भी हजारों करोड़ रुपए खर्च होते हैं।

जाहिर है कि इतनी बड़े और तेजी से बढ़ते उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में विशेषज्ञों की जरूरत पड़ती है। इन विशेषज्ञों को ‘वेडिंग प्लानर’ या ‘शादी के योजनाकार’ के तौर पर जाना जाता है। शादी के योजनाकरा की जिम्मेदारी विवाह के सभी कार्यों को समय पर संपन्न करवाना होता है।

जैसे कार्यक्रम स्थल की सजावट, भोजन की व्यवस्था, कार्यक्रम में प्रकाश की व्यवस्था, अतिथियों के बैठने, खाने और सोने की व्यवस्था, कार्यक्रम को मनोरंजन युक्त बनाने के लिए संगीत और नृत्य की व्यवस्था आदि सभी कार्यों को व्यस्थित और समय पर पूर्ण कराने की होती है। शादी का सारा काम किसी एक व्यक्ति द्वारा करना संभव नहीं होता है।

इसलिए ‘शादी के योजनाकार’ को एक टीम की जरूरत होती है जो उसके सभी कामों को पूरा करने में उसकी सहायता कर सके और इसी टीम प्रबंधन के द्वारा ही एक अच्छे विवाह समारोह को संपन्न किया जा सकता है। इस कार्य में कमाई की कोई सीमा नहीं है। अच्छी कंपनी के साथ जुड़कर कोई भी हर महीने लाखों रुपए कमा सकता है।

‘शादी का योजनाकार’ बनने के लिए जरूरी योग्यता

एक अच्छा ‘शादी का योजनाकार’ बनने के लिए आयोजन प्रबंधन का पाठ्यक्रम करना चाहिए। इसके लिए उम्मीदवार को बारहवीं पास होना जरूरी है। इसके बाद आप आयोजन प्रबंधन के डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं। अलग-अलग संस्थानों में इस पाठ्यक्रम के लिए 50 हजार रुपए तक की फीस ली जा है। डिप्लोमा पाठ्यक्रम को पूरा करने की अवधि छह महीने से एक साल की होती है।

यदि आप बारहवीं के बाद ‘वेडिंग प्लानिंग’ में स्नातक करना चाहते हैं तो वह भी कर सकते हैं। इसकी अवधि तीन वर्ष की हैं। इस पाठ्यक्रम को करने में तीन से पांच लाख रुपए का खर्च आएगा। साथ ही इसके लिए बारहवीं में न्यूनतम 50 फीसद अंक चाहिए। अगर उम्मीदवार इस क्षेत्र में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम करना चाहता है तो इसके लिए उम्मीदवार के पास किसी भी विषय में स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी है।

व्यक्तिगत योग्यता

‘शादी के योजनाकार’ के अंदर कुछ व्यक्तिगत योग्यता भी जरूर होनी चाहिए। जैसे आपको मृदुभाषी, मिलनसार, टीम का प्रबंधन और उस पर नियंत्रण, बात करने में अच्छे शब्दों का चयन और सभी कामों समय पर करने की आदत होनी चाहिए। अगर उम्मीदवार में ये सारी गुणावत्ता हैं तो वह इसके लिए आगे बढ़ सकता है।
प्रमुख संस्थान

  1. इवेंट मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, मुंबई</li>
  2. एमिटी इंस्टीट्यूट आफ इवेंट मैनेजमेंट, दिल्ली</li>
  3. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ इवेंट मैनेजमेंट, मुंबई
  4. नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इवेंट मैनेजमेंट, दिल्ली
  • अविनाश चंद्रा (लोकनीति के जानकार)