Balasore Train Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे ने हर किसी को गमगीन कर दिया है। इस हादसे में अभी तक जो इनपुट निकलकर सामने आया है। उसमें कई ऐसे लोग हैं जिसमें किसी ने अपना बेटा, पति, पिता और बेटी को खोया है। हादसे के बाद जो तस्वीर सामने आ रही हैं, वो हैरान करने वाली हैं। खबर लिखे जाने तक इस हादसे में 261 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 900 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश-विदेश की तमाम हस्तियों ने दुख व्यक्त किया है।

बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में पश्चिम बंगाल के लोग भी हादसे का शिकार हुए हैं। पश्चिम बंगाल के बालीघाट पुरवापारा ग्राम पंचायत क्षेत्र के धनगरा के रहने वाले एक शख्स की मौत हो गई है। मृतक युवक की मां ने बताया, ‘मेरे बेटे की शुक्रवार बालासोर रेल दुर्घटना में मृत्यु हो गई। वह चेन्नई जाने के लिए घर से निकला था। उसकी उम्र 26 साल थी। महिला ने बताया कि उसके दो बच्चे थे। जबकि उसके पति की मौत पहले ही हो चुकी है।

इस हादसे में पश्चिम बंगाल के गंगारामपुर क्षेत्र के एक निवासी की मृत्यु हो गई। एक स्थानीय ने बताया, “हमारे यहां से दो लोग नितिन राय और चंदन राय कोरोमंडल एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे थे। हमें जब रेल दुर्घटना की खबर मिली तब हमने फोन किया, उस समय नितिन का फोन ऑन था। एक अन्य व्यक्ति ने फोन उठाकर बताया कि नितिन की दुर्घटनास्थल पर मृत्यु हो चुकी है। दुर्घटना के बाद से चंदन राय से कोई संपर्क नहीं हो पाया है।”

बालासोर में दुर्घटनाग्रस्त हुई ट्रेन में यात्रा कर रहे एक घायल व्यक्ति ने बताया, ‘मैं S1 डिब्बे में था। बचने की कोई उम्मीद नहीं थी, गाड़ी पूरी उलट गई थी। मैं बिहार का रहने वाला हूं और चेन्नई जा रहा था। मैं चेन्नई में एक कपड़ा दुकान में काम करता हूं।’

ट्रेन हादसे के बाद हावड़ा रेलवे स्टेशन पर सपन चौधरी (60) अपनी बेटी आइशी चौधरी (23) का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, वह जीवित थी, लेकिन दुर्घटना में कांच के टुकड़ों से उसे चोटें आई थीं। सपन ने कहा कि उनकी बेटी कर्नाटक में आईटी उद्योग में काम करती है।

स्टेशन पर नफीसा परवीन (21) के पिता शेख मोइनुद्दीन (52) भी थे। वो बताते हैं कि उनकी बेटे कर्नाटक में नर्सिंग कर रही है और छुट्टियों में घर आ रही थी। मैंने उससे फोन पर बात की। वह पटरी से उतरी ट्रेन में थी, लेकिन वह ठीक है।”

रिपन दास (29) दुर्घटना में जीवित बचे लोगों में से एक हैं। जो कर्नाटक से घर लौट रहा था। उसके भाई सुजय दास (33) ने कहा बताया कि वह एक एम्बुलेंस में था, जब उसने मुझे फोन किया। उनकी गर्दन, कमर और पैर में चोट के निशान हैं।” पूर्व मेदिनीपुर के एक ही परिवार के तीन सदस्य सुरक्षित अपने घर लौटे। उन्होंने बताया, “हम खड़गपुर से चेन्नई जा रहे थे। बालासोर के पास ही हमें एक झटका लगा और लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे। हमें समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है, हमें बचने की उम्मीद नहीं थी।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बालासोर पहुंची हैं। मीडिया से बात करते हुए ममता ने कहा, ‘यह अब तक का सबसे बड़ा रेल हादसा है। ऐसा ही हादसा 1981 में भी हुआ था। इस ट्रेन में एंटी कोलिशन डिवाइस नहीं था, अगर वह होता तो यह हादसा नहीं होता। हमारे राज्य के जिन लोगों की इस हादसे में मृत्यु हो गई उनके परिजनों को हम 5-5 लाख रुपए देंगे। हम राहत और बचाव कार्य में राज्य सरकार और रेलवे का पूरा सहयोग करेंगे।’

रूस के राष्ट्रपति ने जताया दुख

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ओडिशा रेल हादसे पर दुख व्यक्त किया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने संदेश में लिखा, ‘इस दुखद दुर्घटना में जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति हमारी संवेदनाएं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।”