एक वचन: ‘मोदी अगले साल प्रधानमंत्री न रहेंगे, पचहत्तर पर ‘रिटायर’ होंगे..!’ जवाब ‘भाजपा के संविधान में ‘रिटायरमेंट’ की बात ही नहीं। मोदी जी ही रहेंगे प्रधानमंत्री’ भाजपा का कटाक्ष रहा कि विपक्ष ने माना तो कि जीत भाजपा ही रही है। इस सप्ताह की सबसे बड़ी सनसनीखेज खबर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष और ‘आप’ की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने पीसीआर को फोन करके बनाई कि केजरीवाल के कहने पर उन्हीें के निजी सहायक बिभव ने उन्हीं के घर पर मारा-पीटा, फिर पुलिस ने पीसीआर को कही बातों को लिखकर भी दिखाया!
इस कहानी के इतना स्पष्ट होने पर भी कुछ कथित ‘राजनीतिक विश्लेषक’ यही कहते रहे कि यह किसी ‘अनाम औरत’ की शिकायत है… यह भाजपा का षड्यंत्र है..! कई एंकर कहते रहे कि स्वाति का फोन गया था, तब ‘कोई अनाम औरत’ कैसे? अगली शाम ‘आप’ के नेता संजय सिंह ने प्रेस के आगे स्वीकार किया कि मालीवाल के साथ बदतमीजी और अभद्रता हुई, मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लिया है!
तब भी, चैनलों में सवाल उठते रहे कि मुख्यमंत्री चुप क्यों? बिभव के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करते? एफआइआर क्यों नहीं की जा रही? जवाब में कुछ विश्लेषकों द्वारा स्वाति की ‘शिकायत’ को भी किनारे किया जाता रहा। अजीब ‘विरोधाभासी’ दृश्य दिखे: एक ओर अपनी ही सांसद नेता पर उत्पीड़न के आरोपों से पैदा हुआ ‘आप’ की कड़ी जवाबदेही, दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी का पहले बनारस में रोड शो, फिर अगले रोज ‘काल भैरव’ मंदिर में पूजा और फिर एक ब्राह्मण, दो ओबीसी, एक दलित समर्थक के साथ प्रधानमंत्री का बनारस से ‘नामांकन’ भरना। इसके बाद चैनलों को होश नहीं रहा: वे मोदी का रोड शो दिखाएं कि गंगा दिखाएं कि मतदाताओं को दिखाएं कि पूजा दिखाएं कि प्रधानमंत्री के ‘क्रूज शोज’ का सीधा प्रसारण दिखाएं!
पहले जलती धूप में क्रूज पर खड़े-खड़े एक हिंदी एंकर से लंबी बातचीत, फिर दूसरे, फिर तीसरे एंकर से बातचीत और सभी के साथ ‘मोदी’ की आध्यात्मिक स्पर्श वाली भावुक वचनावली कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है… मां के जाने के बाद मां गंगा ने ही उस रिक्तता को भरा है…! ऐसा कहते-कहते मोदी की आंखें भर आती हैं, गला रुंध जाता है। कुछ पल को चुप होना पड़ता है।
एंकर इसे नोट करती है! मोदी जारी रहते हैं: परमात्मा ने मुझे भेजा है, वही मुझे शक्ति देता है काम करने की… काशीवासियों ने देखते-देखते मुझे ‘बनारसिया’ बना दिया… शायद परमात्मा ने स्वयं किसी काम के लिए भेजा है… परमात्मा ने भारत भूमि के लिए मुझे चुना… सारे बंधनों से मुक्त होकर हर काम परमात्मा की पूजा समझ के करता रहता हूं… ईश्वर का मतलब मेरे लिए एक सौ चालीस करोड़ जनता-जनार्दन है..!
इतने पर भी जब पेट न भरा तो एक चैनल के दो पुरुष एंकर और दो महिला एंकरों ने नए सीधा प्रसारण में वे सवाल किए जो अक्सर विपक्ष द्वारा पूछे जाते रहे हैं। जैसे कि आप हिंदू-मुसलिम करते हैं… आप संविधान बदल देंगे? इस पर मोदी के दो-टूक जवाब देखने लायक थे। वे बोले कि हिंदू-मुसलिम मैं नहीं, कांग्रेस का घोषणापत्र करता है कि कोटे में कोटा देंगे, जबकि संविधान धार्मिक कोटे की इजाजत नहीं देता और कि संविधान को सबसे अधिक तो नेहरू, इंदिरा, राजीव और शहजादे ने तोड़ा-मरोड़ा।
‘तीसरी बार मोदी सरकार’ से ये इसलिए चिढ़ते हैं कि अब तक तीन बार जीत का रिकार्ड नेहरू के नाम रहा है… उनकी बराबरी मैं कैसे कर सकता हूं… इसलिए ये ‘खतरा खतरा’ चिल्लाते हैं। अंत में एंकरों से भी कहा कि आप लोग भी एक ‘इकोसिस्टम’ के दबाव में हैं। आपको भी मुझे बाहर निकालना होगा। चैनल ने तुरंत गर्वित भाव से लाइन लगाई कि एक लाख यूट्यूबरों ने और लाखों ने ट्विटर पर इस बातचीत को देखा सुना।
विपक्ष के कई नेता भाजपा को मन ही मन हरा कर खुश होते दिखते रहे। एक गाता: भाजपा की कित्ती सीटें… 220 सीट से 240 सीटें! दूसरा गाता: भाजपा की कित्ती सीटें… 200 सीटें! तीसरा गाता: 150 सीटें! भाजपा प्रवक्ता पूछते कि विपक्षी गठबंधन की कित्ती सीटें तो विपक्षी गठबंधन बगलें झांकने लगता! इस संदर्भ में मोदी बोले कि (उनकी) ‘उम्र’ से भी कम सीटें मिलेंगी!
बहरहाल, ‘मालीवाल उत्पीड़न’ मुद्दे ने केजरीवाल का लखनऊ तक पीछा न छोड़ा। इस बाबत एक पत्रकार के सवाल से सहमे से दिखे। जवाब देने की जगह उन्होंने माइक अखिलेश की ओर सरका दिया। संजय सिंह, अखिलेश ने सवाल को जैसे-तैसे निपटाया। मालीवाल ने थाने में रपट लिखवाई और एक्स पर लिखा कि मेरे साथ जो हुआ, बहुत बुरा हुआ। उन्होंने लिखा कि मुझे सात-आठ थप्पड़ मारे, पेट पर लात मारी, मेरा सिर मेज से टकराया। ‘हिटमैन’ खुद को बचाने की कोशिशों में। मेडिकल रपट ने बताया कि उनके चेहरे पर गुम चोटें आर्इं, पेट पर चोटें आई हैं।