रात करीब आठ बजे इंडिया वायु गुणवत्ता सेवा (सफर) के मुताबिक दिल्ली का औसतन गुणवत्ता स्तर 352 दर्ज किया। सफर ने आम जनता को प्रदूषण से बचाने के लिए मास्क का प्रयोग करने की सलाह दी है। अनुमान जताया गया है कि बुधवार को यह स्तर और अधिक बढ़ सकता है।

बुधवार को वायु गुणवत्ता का स्तर 360 के पार जा सकता है। मंगलवार को वायु गुणवत्ता का स्तर सबसे खराब नोएडा में दर्ज किया गया। जबकि दिल्ली में ऐसी स्थिति धीरपुर में दर्ज की गई। सफर के मुताबिक पूसा में 349, लोदी रोड 325, दिल्ली विश्वविद्यालय 365, हवाई अड्डा 355, नोएडा 394, मथुरा रोड 366, आया नगर 342, आइआइटी दिल्ली 338, गुरुग्राम 354 और धीरपुर 380 दर्ज किया गया। जोकि बेहद खराब श्रेणी के करीब है। तय मानक के अनुसार सौ से दो सौ तक दर्ज होने वाले वायु गुणवत्ता स्तर को मध्यम श्रेणी का माना जाता है। इसके बाद जैसे ही स्तर बढ़ने लगता है तो तीन सौ तक की श्रेणी में यह खराब श्रेणी का रहता है। इसके बाद यह बहुत खराब और गंभीर श्रेणी का माना जाता है।

BJP की मांग- श्वेतपत्र लाए सरकार

भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि यह देखना वास्तव में चौंकाने वाला है कि दिल्ली की हवा को साफ करने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के दिल्ली सरकार के सभी बड़े दावे धरे के धरे रह गए। वहीं लोग अधिक से अधिक निजी वाहनों को चलाने के लिए मजबूर हैं। इसलिए क्योंकि सरकार में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को जर्जर स्थिति में पहुंचा दिया है। सरकार को प्रदूषण को लेकर श्वेतपत्र लेकर आना चाहिए।

हवाओं से राहत, अभी सख्ती नहीं बढ़ी

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता आयोग की टीम लगातार नजर रखे हुए है। इसके लिए आयोग ने एक उप समिति का गठन किया है जो कि इस स्थिति पर नजर रखे हुए है। इस बार आयोग ने कार्यबद्ध योजना (ग्रेप) को भी सीधे प्रदूषण स्तर से जोड़ा हुआ है और जैसे ही प्रदूषण स्तर में बढ़ोतरी होती है तो अगले श्रेणी की व्यवस्था लागू की जाती है। पूर्वानुमान में संकेत दिए हैं कि हवाओं की वजह से सभी राज्यों में हवाओं की स्थिति अनुकूल रहेगी, जोकि प्रदूषण स्तर कम होने के संकेत है। इसलिए ग्रेप के प्रावधानों में अभी आयोग की तरफ से कोई बदलाव नहीं किया गया है।