बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लखनऊ की स्पेशल सीबीआई अदालत ने 30 सितंबर को फैसला सुनाने का एलान किया है। सीबीआई कोर्ट के जज सुरेंद्र यादव इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं। कोर्ट ने सभी आरोपितों को फैसला सुनाने के दौरान मौजूद रहने को कहा है।
इस मामले में आरोपितों के तौर पर लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार जैसे बीजेपी के दिग्गज नेता शामिल हैं। सीबीआई की तरफ से दायर चार्जशीट में 49 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें से 17 लोगों की मौत हो चुकी हैं। 32 लोगों पर फैसला आना बाकी है।
इस मामले में बाला साहेब ठाकरे, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णुहरी डालमिया भी आरोपित थे लेकिन इन लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, अन्य आरोपितों में राम विलास वेदांती, साध्वी ऋतंभरा, साक्षी महाराज, चंपत राय, महंत नृत्य गोपाल दास शामिल हैं।
केस के परीक्षण के दौरान सीबीआई ने 351 गवाह और लगभग 600 दस्तावेजी सबूत कोर्ट में पेश किए थे। सीबीआई के वकील ललित सिंह के मुताबिक अदालत ने बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद एक सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
क्या है मामला: दरअसल, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना चुका है। अयोध्या में मंदिर का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है। हिंदू पक्ष का दावा था कि मुगल शासक बाबर ने श्री राम जन्मभूमि पर बने रामलला के मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराया। वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना था कि वहां कोई मंदिर तोड़कर मस्जिद ना निर्माण नहीं किया गया। 1885 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जिसके बाद साल 1992 में 6 दिसंबर को कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद का ढांचा तोड़ दिया था। विध्वंस के इस मामले की सुनवाई चल रही है।