एलोपैथी को लेकर दिए गए विवादित बयानों के बाद देश के अलग अलग हिस्सों में आईएमए के द्वारा दर्ज एफआईआर के खिलाफ बाबा रामदेव सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। बाबा रामदेव ने एफआईआर पर रोक लगाने और सभी मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की है।

दरअसल बीते महीने एलोपैथी को लेकर दिए गए विवादित बयान को लेकर आईएमए के द्वारा दर्ज किए गए मामलों में कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में आईएमए की पटना और रायपुर इकाई की ओर से दर्ज किए गए मामले में कार्यवाही पर रोक लगाने और सभी एफआईआर को दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की गई है।

बाबा रामदेव के ऊपर छत्तीसगढ़ के रायपुर में एलोपैथी को लेकर गलत जानकारी फ़ैलाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की गई है। यह शिकायत आईएमए के तरफ से दर्ज कराई गई है। बाबा रामदेव पर धारा188, 269 सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। बाबा रामदेव पर डॉक्टरों के बारे में दुष्प्रचार और कोरोना महामारी एक्ट का उल्लंघन करने को लेकर भी केस दर्ज किया गया है। 

बता दें कि पिछले महीने बाबा रामदेव ने अपने एक बयान में कहा था कि एलोपैथी एक बकवास विज्ञान है। इस पर IMA ने कड़ी नाराजगी जताते हुए रामदेव से तुरंत अपना बयान वापस लेने के लिए कहा था। बाबा रामदेव के इन बयानों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी आपत्ति जताई थी और अपना बयान वापस लेने को कहा था। हालांकि इसके बाद बाबा रामदेव का एक और वीडियो सामने आया था जिसमें उन्होंने डॉक्टरों का मजाक उड़ाया था।

बाबा रामदेव ने अपने वीडियो में दावा किया था कि 1 हजार डॉक्टर कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बावजूद मर गए। इस वीडियो में उन्होंने कहा था कि डॉक्टर अपने आप को ही नहीं बचा पाए। बाबा रामदेव के इन बयानों पर आईएमए ने कड़ी आपत्ति जताई थी। साथ ही आईएमए ने बाबा रामदेव को 1000 करोड़ का मानहानि नोटिस भी भेजा था।