आईटी कंपनी विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी देश के सबसे बड़े दानवीर साबित हुए हैं। एडेलगिव हुरुन इंडिया फिलैंथ्रोपी 2021 की लिस्ट से ये पता लगा है कि वित्त वर्ष 2020-21 में अजीम प्रेमजी ने कुल 9,713 करोड़ रुपए दान किए हैं।

इस आंकड़े के हिसाब से देखें तो अजीम प्रेमजी ने 27 करोड़ रुपए दान में दिए हैं। जिस समय देश महामारी से जूझ रहा था, उस समय प्रेमजी ने अपने दान में लगभग एक चौथाई की बढ़ोतरी की।

आईटी कंपनी एचसीएल के शिव नाडर भी दान करने के मामले में पीछे नहीं हैं। अजीम प्रेमजी के बाद उन्होंने सबसे ज्यादा दान किया है। नाडर ने 1263 करोड़ रुपए दान किए।

वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी ने 577 करोड़ रुपए दान किए हैं और वह दान करने के मामले में तीसरे स्थान पर हैं। इस लिस्ट में चौथे स्थान पर कुमार मंगलम बिड़ला हैं, जिन्होंने 377 करोड़ रुपए दान किए।

अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी इस लिस्ट में आठवें स्थान पर हैं। उन्होंने आपदा राहत के लिए 130 करोड़ रुपए दान किए। वहीं इस लिस्ट में इन्फोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी की रैंकिंग में सुधार आया है और उन्हें इस लिस्ट में पांचवां स्थान मिला है। उन्होंने 183 करोड़ रुपए दान किए। देश के टॉप 10 दानवीरों की लिस्ट में बजाज परिवार, अनिल अग्रवाल, बर्मन परिवार और हिंदुजा परिवार भी है।

बता दें कि प्रेमजी अपने नाम, दौलत-शोहरत के साथ ही अपनी दरियादिली के लिए जाने जाते हैं। वह आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए पहले भी दान करते आए हैं। मार्च, 2019 में उन्होंने अपनी कंपनी के 34% शेयर अच्छे कामों के लिए डोनेट किए थे।

अपनी मां के चैरिटेबल कामकाज से प्रेरित होकर प्रेमजी ने 2001 में अपनी दान यात्रा शुरू की थी। उन्होंने 875 करोड़ रुपए के साथ ‘द अजीम प्रेमजी फाउंडेशन’ की शुरुआत की थी।

अजीम प्रेमजी को अपने पिता मोहम्‍मद हासम प्रेमजी से 1966 में वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रोडक्ट्स नामक कंपनी विरासत में मिली थी। आगे चलकर यही कंपनी विप्रो बन गई और आज भारत समेत दुनियाभर में टॉप आईटी कंपनी के तौर पर पहचान बना चुकी है।