साल 2005 में अयोध्या रामजन्म भूमि परिसर में हुए आंतकी हमले के मामले में मंगलवार (18 जून, 2019) को बड़ा फैसला आया। प्रयागराज स्पेशल कोर्ट ने कुल पांच आरोपियों में से चार दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने इन दोषियों पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया, जबकि मामले के पांचवें आरोपी मोहम्मद अजीज को बरी कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, स्पेशल जज दिनेश चंद्र मामले की सुनवाई कर रहे थे। सुरक्षा कारणों की वजह से इस पर फैसला नैनी सेंट्रल जेल में सुनाया गया, जहां मामले के दोषी और आरोपी बंद थे। दोषियों में इरफान, आशिक इकबाल उर्फ फारूख, शकील अहमद और मोहम्मद नसीम शामिल हैं।
बता दें कि राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद वाले परिसर में पांच जुलाई, 2005 को आतंकी हमला हुआ था। हालांकि, सुरक्षा अधिकारियों ने तब हमला नाकाम कर दिया था और आतंकियों को मार गिराया था। हमलावर कथित तौर पर पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे। वे नेपाल के जरिए भारत में घुस आए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकी तब श्रद्धालुओं के भेस में एक जीप में ड्राइवर के साथ आए थे। ड्राइवर के बयान के मुताबिक, आतंकी पांच जुलाई, 2005 को अयोध्या स्थित राम मंदिर गए थे, जहां उन्होंने रेकी भी की थी। उन्होंने इसके बाद ड्राइवर को गाड़ी से बाहर फेंक दिया था और सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए घटनास्थल पर पहुंचे थे। आतंकियों ने तब राम जन्मभूमि परिसर में ग्रेनेड भी फेंके थे।
धमाके के दौरान तब श्रद्धालुओं को घुमाने वाले एक गाइड की जान चली गई थी। पांच आतंकी इसके बाद फायरिंग करते हुए माता सीता रसोई में घुस गए थे। पर सीआरपीएफ के एक दस्ते ने उन पांचों को मार गिराया था।
हालांकि, उस दौरान सीआरपीएफ के सात जवान गंभीर रूप से जख्मी हुए थे, जबकि पुलिस ने आतंकियों की लाशों के पास से हथियार और गोली-बारूद बरामद किया था। हमले के एक महीने के भीतर बम धमाकों को लेकर चार संदिग्ध दबोचे गए, जबकि कुछ दिन बाद पांचवीं गिरफ्तारी हुई।