अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देशभर से 8 हजार से अधिक लोग शामिल हुए। इस समारोह कई पूर्व न्यायधीश भी शामिल हुए। समारोह में सुप्रीम कोर्ट के 4 पूर्व चीफ जस्टिस भी शामिल हुए। इसमें देश के पूर्व चीफ जस्टिस जे एस खेहर भी हैं। जे एस खेहर ने ही इस मामले में 2017 में अयोध्या विवाद में व्यक्तिगत रूप से मध्यस्थता करने की पेशकश की थी। हालांकि दोनों की पक्ष इस बात को लेकर सहमत नहीं हुए। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जस्टिस जे एस खेहर के अलावा जस्टिस वीएन खरे, एनवी रमन्ना और यूयू ललित भी शामिल हुए।
बातचीत से समाधान चाहते थे जस्टिस जे एस खेहर
2017 में जब अयोध्या का मामला सुप्रीम कोर्ट कोर्ट में था तब जस्टिस जे एस खेहर इसका समाधान बातचीत से चाहते थे। उन्होंने दोनों पक्षों से कहा था कि अगर आप मुझे दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थ बनाना चाहते हैं, तो मैं इसके लिए तैयार हूं। हालांकि उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मामले में नियमित सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया।
प्राण प्रतिष्ठा में कौन-कौन हुआ शामिल?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सुप्रीम कोर्ट के 12 से अधिक पूर्व जस्टिस शामिल हुए। इनमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा, राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष जस्टिस अशोक भूषण का नाम भी शामिल है। बता दें कि जस्टिस भूषण 5 जजों की उस संविधान पीठ का हिस्सा था जिन्होंने 2019 में राम मंदिर पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।
इस फैसले के बाद ही राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ। राम मंदिर पर फैसला आने के 2 साल बाद जस्टिस भूषण रिटायर हो गए। जस्टिस भूषण 2001 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश बने थे। इसके बाद 2015 में वह केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। 2016 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बनाया गया।
1992 में यूपी सरकार के वकील भी हुए शामिल
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस आदर्श गोयल भी शामिल हुए। जस्टिस आदर्श गोयल 1992 में विवादित ढांचा गिराए जाने के समय यूपी सरकार के वकील थे। समारोह में इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस सुधीर अग्रवाल भी शामिल हुए। बता दें कि जस्टिस सुधीर अग्रवाल इलाहाबाद हाईकोर्ट की उस टीम में शामिल थे जिसने अयोध्या मामले में 2010 में फैसला सुनाया था। इसके अलावा कार्यक्रम में जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम, अनिल दवे, विनीत सरन और ज्ञान सुधा मिश्रा भी मौजूद रहे।
