अयोध्या राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला भी सुरक्षित रख लिया है। इस मुद्दे पर 17 नवंबर से पहले ही फैसला आने की उम्मीद है क्योंकि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई इस दिन सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस मामले पर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक टीवी चैनल पर बड़ा बयान दिया है।
टीवी एंकर ने सवाल किया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड का कहना था कि वह मध्यस्थता से खुश हैं और यह हिंदू -मुस्लिम दोनों के लिए अच्छा फैसला होगा। इस स्वामी ने कहा कि वह ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट में वक्फ बोर्ड का स्टेटस ही गलत साबित हो गया था। वक्फ बोर्ड वक्फ एक्ट 1935 के नियमों पर बोर्ड खरा नहीं उतरता ऐसा कोर्ट का कहना था।
टीवी एंकर ने उनसे पूछा कि इस मामले पर जो भी दलीलें दोनों तरफ से आ रही हैं उस पर आपका क्या कहना है। इस पर उन्होंने कहा कि मंदिर वहां बनना है यह तय है बाकि बहस इस बात कि है किया क्या एक गुंबद मुस्लिम पक्ष को दिया जाना चाहिए या नहीं। शिया मुसलिमों ने पहले ही कहा है कि उन्हें जमीन देने में कोई परेशानी नहीं है। स्वामी ने कहा कि उस शहर में और भी कई मस्जिद हैं हमें उनको लेकर आपत्ति नहीं है सरकार उनकी मरम्मत कराए।
अयोध्या में कई मस्जिद हैं और मुसलमान लोग किसी भी मस्जिद में नमाज पढ़ लें हमें आपत्ति नहीं है। ये लोग रोड पर भी नमाज पढ़ लेते हैं। पहले इन लोगों ने ऐसा किया भी है। इन लोगों को बाबरी मस्जिद की कोई जरूरत नहीं है।