मोदी सरकार का अपने दूसरे कार्यकाल में ताबड़तोड़ फैसलों का दौर जारी है। सरकार गठन के महज 70 दिनों में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने घोषणापत्र में शामिल दो बड़े मुद्दों पर सफलता हासिल कर ली। Article 370 में व्यापक बदलाव के तहत जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से विशेष राज्य का दर्जा हट चुका है, इसके बाद अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले (Supreme Court Verdict on Ayodhya Dispute) से राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir Construction) का रास्ता भी साफ हो चुका है। ऐसे में क्या अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) का अगला टास्क तीसरा कोर एजेंडा यानी समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) होगा।

3 महीने में बनाना होगा मंदिर निर्माण ट्रस्टः गृह मंत्रालय ट्रस्ट बनाकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तैयारी में है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, ‘केंद्र सरकार को तीन महीनों की अवधि में अयोध्या अधिग्रहण अधिनियम 1993 की धारा 6 और 7 के तहत निहित शक्तियों के अनुरुप एक योजना तैयार करनी होगी।’ आदेश के मुताबिक जमीन बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज को सौंपी है।

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1992 में बना था यह कानूनः यह कानून 1992 में बाबरी विध्वंस के एक महीने बाद तत्कालीन गृह मंत्री एसबी चव्हाण के नेतृत्व में बना था। इसके मुताबिक केंद्र सरकार के पास एक ट्रस्ट बनाने का अधिकार है, जो विवादित 2.77 एकड़ जमीन के आसपास की 60.70 एकड़ जमीन का प्रबंधन कर सके।

पार्टी नेताओं ने दिए संकेतः जम्मू-कश्मीर और अयोध्या दोनों ही लंबे समय से संघ-बीजेपी के कोर एजेंडा में शामिल रहे हैं। दोनों मसलों पर अमित शाह की छवि निर्णायत्मक गृह मंत्री के रूप में मजबूत हुई है। पार्टी नेताओं ने कहा कि सरकार अब यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की दिशा में आगे बढ़ेगी।