Shubhanshu Shukla Astronaut: शुभांशु शुक्ला तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ Axiom-4 मिशन पर बुधवार दोपहर International Space Station (ISS) के लिए रवाना हुए। ISS तक जाने का उनका यह सफर 28 घंटे का है। शुक्ला ISS की यात्रा करने वाले पहले भारतीय हैं जबकि स्पेस की यात्रा करने वाले दूसरे। इससे पहले राकेश शर्मा 1984 में अंतरिक्ष में गए थे। शुक्ला के साथ पोलैंड के स्लावोस्ज़ उज़्नान्स्की-विस्नेव्स्की (Slawosz Uznanski-Wisniewski), अमेरिका की पैगी व्हिटसन (Peggy Whitson) और हंगरी के तिबोर कापू (Tibor Kapu) भी ISS में जा रहे हैं।
शुक्ला ने कहा, “यह मेरी उड़ान की शुरुआत नहीं है। यह भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान की कोशिशों की शुरुआत है। मैं आप सभी के साथ हूं।” इस मिशन ने फ्लोरिडा के केप कैनावेरल में NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी। यह गुरुवार को भारतीय समय के मुताबिक, शाम 4.30 बजे ISS पर पहुंचेगा।
बताना होगा कि इससे पहले 6 बार Axiom-4 मिशन को टालना पड़ा था।
लखनऊ में हुआ था शुक्ला का जन्म
शुभांशु शुक्ला भारतीय एयर फोर्स (IAF) के अफसर हैं और इस मिशन के पायलट हैं। शुक्ला राकेश शर्मा को अपनी प्रेरणा मानते हैं और बताते हैं कि यह उनके लिए एक सपना था। आइए, जानते हैं कि शुक्ला के बारे में उनके स्पेस में जाने वाले उनके साथी क्या कहते हैं और शुभांशु शुक्ला कौन हैं?
आज की ताजा खबर, हिंदी न्यूज 25 जून 2025, Aaj Ki Taaja Khabar LIVE
शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर, 1985 को लखनऊ में हुआ था। वह नेशनल डिफेंस एकेडमी, पुणे के छात्र रह चुके हैं। उन्हें जून 2006 में (IAF) की लड़ाकू विंग में कमीशन मिला और मार्च 2024 में वे ग्रुप कैप्टन बने। शुक्ला के पास Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 सहित अलग-अलग विमानों को उड़ाने का 2,000 घंटे का अनुभव है।
2019 में Indian Space Research Organisation (ISRO) की ओर से बुलाए जाने के बाद शुक्ला ने रूस के मास्को में Yuri Gagarin Cosmonaut Training Center में ट्रेनिंग ली। यह काफी कठिन ट्रेनिंग थी। फरवरी 2024 में, उन्हें ISRO के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए प्रमुख अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया था।
शुभांशु शुक्ला ने Axiom-4 मिशन के बारे में क्या कहा?
शुक्ला ने Axiom वेबसाइट पर जारी किए गए एक वीडियो में कहा, “पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री विंग कमांडर राकेश शर्मा 1984 में अंतरिक्ष में गए थे। मैं उनके बारे में किताबों में पढ़कर और अंतरिक्ष से उनकी कहानियां सुनकर बढ़ा हुआ हूं। मैं उनसे बहुत प्रभावित था।”
शुक्ला कहते हैं कि मिशन सेंटर पहुंचने से एक हफ़्ते पहले ही उन्हें पता चल गया था कि वे Axiom मिशन पर जा रहे हैं। वह कहते हैं कि यह सफर अदभुत है।
इस मिशन के जरिये वह क्या करना चाहते हैं, इस बारे में शुक्ला कहते हैं, “मेरे मिशन के जरिये मेरी कोशिश देश में पूरी पीढ़ी को प्रेरित करने की है। मैं इस मौके का उपयोग बच्चों में जिज्ञासा जगाने के लिए करना चाहता हूं। अगर मेरी कहानी किसी एक की जिंदगी भी बदल पाई तो यह मेरे लिए बहुत बड़ी कामयाबी होगी।”
शुक्ला के बारे में क्या कहते हैं क्रू?
हंगरी के टिबोर कापू वीडियो में कहते हैं, “Shux (शुभांशु का निकनेम) में गजब की समझदारी है। उसके पास जो नॉलेज है, उससे लगता है जैसे वह 130 साल का हो।” नासा की पूर्व चीफ एस्ट्रोनॉट पैगी व्हिटसन कहती हैं, “यह मेरे लिए अच्छा है कि वह ड्रैगन कैप्सूल में मेरा पायलट है। उसमें पहले से ही एक तरह की ऑपरेशनल समझ है और जब बात स्पेसक्राफ्ट टेक्नोलॉजी की होती है तो इसमें उसका दिमाग वाकई बहुत तेज है।”
पोलैंड के पोलैंड के स्लावोस्ज़ उज़्नान्स्की-विस्नेव्स्की कहते हैं, “वह बहुत फोकस्ड है और रिकॉर्ड टाइम में 1234 पूरा कर लेगा। मैं नहीं जानता कि वह इतनी जल्दी वहां कैसे पहुंच जाता है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभांशु शुक्ला को बधाई दी है। उन्होंने X पर लिखा, “हम भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष मिशन के सफल प्रक्षेपण का स्वागत करते हैं। भारतीय अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं। उनके साथ 1.4 अरब भारतीयों की इच्छाएं, उम्मीदें और आकांक्षाएं हैं। उन्हें और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को सफलता के लिए शुभकामनाएं!”
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