जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में आतंकी अफजल गुरू के समर्थन में कार्यक्रम आयोजित करने और भारत विरोधी नारे लगाने की घटना के पीछे अभी तक लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने के कोई संकेत नहीं मिले हैं। दिल्ली पुलिस कमिश्नर बी.एस. बस्सी ने सोमवार (15 फरवरी) को यह बात कही। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को इस घटना का जिक्र करते हुए कहा था- मैं यह भी स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जेएनयू में जो घटना हुई है उसे लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद का भी समर्थन प्राप्त है। देश को यह भी ध्यान में रखना चाहिए। उसने इस घटना का समर्थन किया है। यह बहुत दुखद है।
सोमवार को गृह मंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में बस्सी ने कहा- जेएनयू की घटना के बारे में कन्हैया कुमार के खिलाफ हमारे पास सबूत है। पर इसमें लश्कर-ए-तैयबा के शामिल होने के कोई संकेत अब तक नहीं मिले हैं। अगर ऐसा कुछ मिलता है तो हम गृह मंत्रालय को बताएंगे।
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कन्हैया कुमार की कस्टडी बढ़ी: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार (15 फरवरी) को जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पुलिस हिरासत दो दिन और बढ़ा दी। पुलिस ने कोर्ट में कहा कि उसके पास कन्हैया के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। कन्हैया की पेशी से पहले खूब हंगामा हुआ। यहां वकीलों और जेएनयू छात्रों व शिक्षकों के बीच झड़प हो गई। गुस्साए वकीलों ने जेएनयू छात्रों को कोर्ट रूम से बाहर निकाल दिया। 40 वकीलों के ग्रुप ने जेएनयू के विरोध में नारेबाजी भी की। वहीं, जेएनयू शिक्षकों ने कोर्ट रूम से बाहर जाने से इनकार कर दिया। वकीलों पर पत्रकारों की पिटाई का भी आरोप है। प्रदर्शन के दौरान वकील ‘भारत माता जय’ और वंदे मातरम के नारे लगा रहे थे। जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारेबाजी और आतंकी अफजल गुरु के समर्थन के मामले में गिरफ्तार कन्हैया कुमार पर दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाया है। पिछले शुक्रवार को कोर्ट ने कन्हैया को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
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कन्हैया कुमार बिहार के बीहट (बेगुसराय) के हैं। वह जेएनयू से पीएचडी कर रहे हैं। वह तीन भाई हैं। एक भाई असम में प्राइवेट नौकरी करता है, जबकि एक अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। पिता बुजुर्ग और बीमार हैं। उन्हें करीब आठ साल पहले लकवा मार गया था। वह ठेकेदारी करते थे। मां आंगनवाड़ी सेविका हैं। उनका कहना है कि कन्हैया को आतंकवादी और राष्ट्रद्रोही बताना सरासर गलत और भाजपा की बदले की राजनीति का नतीजा है।
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