प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को असम में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग हमारे देश को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। पीएम ने कहा “हमारे खिलाफ साजिश करने वाले इस स्तर तक पहुंच गए हैं कि वो भारत की पहचान के साथ जुड़ी चाय को बदनाम करना चाहते हैं।”
पीएम ने असम में दो अस्पतालों की आधारशिला रखी और ‘असोम माला’ कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यकम में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने कहा “असम के स्वाधीनता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए बलिदान दिया था। इन शहीदों के खून की एक-एक बूंद और साहस हमारे संकल्पों को मजबूत करता है। असम का यह अतीत बार-बार मेरे मन को असमिया गौरव से भर रहे हैं। पूर्वोत्तर और असम को विकास की सुबह के लिए एक लंबा इंतजार करना पड़ा।”
पीएम मोदी ने कहा “मेरा सपना है कि हर राज्य में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज मातृभाषा में पढ़ाना शुरू करें। जब असम में नई सरकार बनेगी मैं असम के लोगों की तरफ से वादा करता हूं कि असम में हम एक मेडिकल कॉलेज स्थानीय भाषा में शुरू करेंगे।”
मोदी ने कहा “गुवाहाटी में एम्स का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछली सरकारें क्यों नहीं समझ पाईं की गुवाहाटी में एम्स होगा तो यहां के लोगों को कितना फायदा होगा। सरकार असम के विकास के लिए पूरी निष्ठा से काम कर रही है। असम में आयुष्मान भारत योजना का लाभ करीब सवा करोड़ लोगों को मिल रहा है।”
पीएम ने ग्रेटा थनबर्ग का नाम लिए बिना कहा “आज देश को बदनाम करने के लिए साजिश रचने वाले इस स्तर तक पहुंच गए हैं कि भारत की चाय को भी नहीं छोड़ रहे। कुछ दस्तावेज सामने आए हैं जिनसे खुलासा होता है कि विदेश में बैठी कुछ ताकतें चाय के साथ भारत की जो पहचान जुड़ी है उस पर हमला करने की फिराक में हैं।”
मोदी ने कहा “मैं असम की धरती से षड्यंत्रकारियों से कहना चाहता हूं कि ये जितने मर्जी षड्यंत्र कर लें देश इनके नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगा। भारत की चाय पर किए जा रहे हमलों में इतनी ताकत नहीं है कि वो हमारे चाय बागान में काम करने वाले लोगों के परिश्रम का मुकाबला कर सकें।”