भारतीय जनता पार्टी के नेता और असम के कैबिनेट मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि ‘मिया-मुस्लिम हमारे (बीजेपी) के लिए वोट नहीं करते हैं। मैं तजुर्बे के आधार पर यह बात कह रहा हूं। उन लोगों ने पंचायत में और 2014 के लोकसभा चुनाव में हमारे लिए वोट नहीं किया। जो भी सीट उनके (मिया-मु्स्लिम) के हाथ में है वहां उन्हें वोट नहीं मिलेगा। जबकि बाकी सभी सीटें हमारी हैं।’ सरमा ने आगे कहा कि ‘हम उन सीटों पर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारेंगे, ताकि ‘मियां मुस्लिम’ के साथ अपनी पहचान न रखने वाले लोगों को कमल या हाथी (असम गण परिषद) के लिए वोट करने का विकल्प मिले। ‘
हेमंत बिस्वा सरमा ने सभी क्षेत्रीय पार्टियों से कांग्रेस का साथ देने और एक-साथ आकर चुनाव लड़ने को कहा। हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि अगर कोई पार्टी अकेले चुनाव में लड़ता है तो वो बीजेपी की ‘बी’ टीम के बराबर होगा। आपको बता दें कि असम विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने पांच पार्टियों के साथ गठबंधन किया है। इस गठबंधन में Congress, All India United Democratic Front (AIUDF), CPI, CPI(M), CPI(ML) और Anchalik Gana Morcha शामिल हैं।
#WATCH | “Miya Muslims don’t vote for us (BJP), I’m saying this on the basis of experience,they didn’t vote us in Panchayat & 2014 Lok Sabha polls. BJP will not get votes in seats that are in their hands,while other seats are our…”said Assam Minister HB Sarma in Assamese (30.1) pic.twitter.com/uGLSgkD1iG
— ANI (@ANI) January 31, 2021
बता दें कि हाल ही में असम सरकार ने सरकारी मदरसों को बंद कर दिया है। मदरसा बंद करने के दिए बयान को लेकर भी हेमंत बिस्वा शर्मा चर्चा में रहे हैं। शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने उस वक्त पत्रकारों को बताया था कि “साल 1934 में जब असम को सर सैयद सदाउल्ला के तहत मुस्लिम लीग सरकार चला रही थी, तब मदरसा शिक्षा को असम के एजुकेशन करिकुलम में लाया गया था।
हमारी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में फैसला लिया कि हम इस व्यवस्था में सुधार करते हुए इसे धर्मनिरपेक्ष बनाएंगे। नतीजतन सभी (सरकारी) मदरसे बंद हो जाएंगे और उन्हें सामान्य शिक्षा यानी रेग्युलर स्कूलों में बदल दिया जाएगा।”