असम कैबिनेट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से पूरे राज्य से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम डिस्टर्ब एरिया एक्ट (DAA) और आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) हटाने की सरकार से सिफारिश करने का फैसला किया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरमा ने कहा, असम में अफस्पा और अशांत क्षेत्र अधिनियम 1990 से प्रभावी हैं। आज एक निर्णय पर पहुंचने के बाद हम आधिकारिक तौर पर अपनी प्रतिबद्धता के अनुसार दोनों अधिनियमों की पूरी तरह से वापस लेने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
इससे पहले सोमवार को सरमा ने राज्य से शस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम को पूरी तरह से वापस लेने के लिए रोडमैप पर चर्चा करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की। मुख्यमंत्री बिस्वा सरमा ने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार, भारी मात्रा में हथियारों के साथ उग्रवादी संगठनों के कई भूमिगत कैडरों के आत्मसमर्पण का हवाला दिया था। गौरतलब है कि पूरे असम में ‘अशांत क्षेत्र’ अधिसूचना 1990 से लागू है। 1 अप्रैल, 2022 को, नौ जिलों को छोड़कर पूरे असम राज्य से AFSPA हटा दिया गया, जिसमें दूसरे जिले का एक उपखंड भी शामिल था।
आपको बता दें कि यह कानून अशांत क्षेत्रों में तैनात सशस्त्र बलों और केंद्रीय शस्त्र पुलिस बलों को बिना वारंट के किसी व्यक्ति को अरेस्ट करने और कुछ अन्य कार्रवाई के साथ बिना बिना वारंट के परिसर में प्रवेश करने या तलाशी लेने का अधिकार देता है। ज्ञात हो कि सरमा ने इससे पहले 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में पूरे असम से अफस्पा हटाने की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री सरमा का कहना है कि हमने केंद्र सरकार से असम से शस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम को पूरी तरह से हटाने का अनुरोध किया है। हालांकि हम केंद्र सरकार के फैसले का पालन करेंगे, विशेष रूप से गृह मंत्रालय, क्योंकि आखिरकार केंद्र सरकार ही स्थिति का आकलन करेगी। हालांकि जहां तक राज्य सरकार का प्रश्न है, हमने AFSPA को पूरी तरह से वापस लेने की सिफारिश करने का फैसला किया है।