असम विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होकर भाजपा सरकार में मंत्री रहे सुम रोंगहांग कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। सुम रोंगहांग के कांग्रेस से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही है। पिछले दिनों भाजपा ने असम चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया था। जारी किए गए लिस्ट में सुम रोंगहांग का नाम शामिल नहीं था।
सर्वानंद सोनोवाल की सरकार में खनन मंत्री रहे सुम रोंगहांग ने कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह और प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली। सुम रोंगहांग ने कहा कि जिस तरह मेरा टिकट काटा गया वो तरीका मुझे पसंद नहीं आया। मैंने पूरी जिम्मेदारी से अपना कर्तव्य निभाया। कुछ लोगों की साजिश के चलते मुझे टिकट नहीं दिया गया। रोंगहांग ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे लगता है कि मैं भाजपा में रहकर जनता के लिए कार्य नहीं कर पाऊंगा, इसलिए मैंने कांग्रेस का दामन थामा है।
Denied poll ticket, Assam BJP minister Sum Ronghang joins Congress; likely to contest as candidate of new party
— Press Trust of India (@PTI_News) March 7, 2021
उम्मीद है कि कांग्रेस रोंगहांग को दिफु से ही मैदान में उतार सकती है, जहां से वह वर्तमान में विधायक हैं। कांग्रेस ने असम विधानसभा चुनाव के लिए अभी तक 40 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी किए गए इस लिस्ट में करीब 20 नए चेहरे हैं। साथ ही इस लिस्ट में मौजूदा छह विधायकों के नाम भी शामिल हैं। इस बार के चुनाव में मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल की सीट पर कांग्रेस ने रानोज कुमार पेगु को खड़ा किया है। रानोज पिछले बार के चुनाव में भी माजुली सीट से ही उम्मीदवार थे लेकिन सर्वानंद सोनोवाल से 18000 वोटों से चुनाव हार गए थे।
बता दूं कि असम के पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत कांग्रेस नेता तरुण गोगई की सीट पर भी भाजपा की नजर है। तरुण गोगोई टीटाबोर सीट से विधायक थे। कांग्रेस किसी भी हाल में इस सीट पर अपना कब्ज़ा जमाए रखना चाहती है। कांग्रेस ने अभी तक टीटाबोर सीट से कोई भी उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है। कांग्रेस गोगई परिवार की राय से ही इस सीट पर कोई भी उम्मीदवार खड़ा करना चाहती है।
असम की 126 सदस्यीय विधानसभा सीटों के लिए 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को मतदान कराए जाएंगे। वही मतगणना के लिए 2 मई की तारीख तय की गई है।