ट्विटर पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यण स्वामी अक्सर मोदी सरकार की कई मुद्दों पर तीखी आलोचना करते नजर आते हैं। एक बार फिर नेता ने चीन और कोरोना वायरस को लेकर मोदी सरकार से सवाल किए हैं। ट्विटर पर सुब्रमण्यम स्वामी ने एक यूजर के सवाल के जवाब में यहां तक कह दिया कि आपको पीएम से पूछना चाहिए कि उनकी सरकार सो क्यों रही है?
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया कि कोरोना को लेकर अमेरिका चीन से सवाल कर रहा है लेकिन भारत ऐसा क्यों नहीं कर रहा है? इसका जवाब है अमेरिका ने वुहान प्रोजेक्ट के लिए आर्थिक मदद दी थी इसलिए वह सवाल कर सकता है। जबकि भारत के लिए TIFR और पीएम के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार ने नगालैंड में वुहान प्रोजेक्ट में हिस्सा लिया था और इसके बदले उन्हें पैसे दिए गए थे तो ऐसे में कैसे सवाल किए जा सकते हैं। नारायण (@narayan61515855) नाम के ट्विटर यूजर ने कहा कि TIFR तो भारत सरकार का संगठन है ही नहीं। अगर पीएम के वैज्ञानिक सलाहकार ने निजी तौर पर प्रोजेक्ट में हिस्सा लिया था इसका मतलब ये नहीं है कि भारत सवाल नहीं कर सकता है। जवाब में स्वामी ने कहा कि बात को बदलने की कोशिश न करें। ये भी सरकार से जुड़ा संगठन ही है। तथ्य जाने बगैर बहाने ने मारें। मेरे कहने पर सरकार ने जांच भी की थी।
US is questioning China on Coronavirus, why India is not? Answer is: US financed the Wuhan Project so can ask questions. For India, TIFR and PM’s Principal Scientific Adviser participated in the Wuhan Project-in Nagaland-and received honorariums from China. So can’t ask.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 1, 2021
जब एक यूजर ने कहा कि आपको इसे लेकर पीएम मोदी के साथ चर्चा करनी चाहिए तो स्वामी ने जवाब दिया कि पीएम तैयार हैं तो वे बात करेंगे। मालूम हो कि भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की अगुवाई में वैश्विक अध्ययन पहला महत्वपूर्ण कदम है और इस संबंध में ठोस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिये अगले चरण के अध्ययन को लेकर सभी के सहयोग जरूरत है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने डिजिटल माध्यम से साप्ताहिक प्रेस वार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘ विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर वैश्विक अध्ययन का हमने स्वागत करते हुए इसे पहला महत्वपूर्ण कदम बताया है। इस बारे में आगे अध्ययन के लिये सभी के सहयोग को रेखांकित किया है। ’’
हाल ही में बागची ने अपने बयान में कहा था कि डब्ल्यूएचओ का अध्ययन इस बारे में ठोस निष्कर्ष तक पहुंचने एवं आगे और आंकड़े जुटाने के लिये अगले चरण के अध्ययन की जरूरत को रेखांकित करता है। उल्लेखनीय है कि गत मार्च में विश्व डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर चीन के वैज्ञानिकों के साथ संयुक्त रूप से लिखी गई एक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया था कि इसके किसी प्रयोगशाला में शुरू होने की संभावना ‘‘बेहद कम’’ है।
डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों द्वारा चीन में महामारी के केंद्र वुहान सहित अन्य स्थानों पर अभियान के संचालन के तौर तरीकों तथा बीजिंग से पर्याप्त सहयोग की कमी को लेकर अमेरिका और कुछ अन्य देशों ने चिंता जतायी है।
खबरों के अनुसार, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रिएसस ने भी इसपर सहमति व्यक्त की है कि वायरस की उत्पत्ति को लेकर आगे और अध्ययन की आवश्यकता है।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने देश की खुफिया एजेंसियों से घातक कोविड-19 वैश्विक महामारी के उद्भव का पता लगाने के अपने प्रयासों को और अधिक तेज करने तथा 90 दिनों के भीतर इसपर उन्हें रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ से कोरोना वायरस के संबंध में दूसरे चरण का अध्ययन करने की मांग की है। वहीं, चीन ने अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन पर कोरोना वायरस के उद्गम की दोबारा जांच कराने की मांग कर अपनी जिम्मेदारी से बचने और राजनीति करने का आरोप लगाया।
