लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस विधेयक का जोरदार विरोध किया है। उन्होंने सरकार को साफ तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यह विधेयक अपने मौजूदा स्वरूप में पारित हुआ, तो इससे देश में सामाजिक अस्थिरता पैदा होगी। ओवैसी का कहना है कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 25, 26 और 14 का उल्लंघन करता है, जो धार्मिक स्वतंत्रता और समानता की गारंटी देते हैं।
‘देश को पीछे धकेलने का प्रयास’ – ओवैसी की खुली चेतावनी
लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान ओवैसी ने तीखे तेवर अपनाते हुए कहा, “मैं सरकार को सावधान कर रहा हूं और चेतावनी दे रहा हूं कि यदि आप इस विधेयक को मौजूदा स्वरूप में पास करते हैं, तो इसका गंभीर असर होगा। यह मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और हम अपनी वक्फ संपत्ति का एक इंच भी नहीं छोड़ेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि यह विधेयक देश को पीछे धकेलने का प्रयास है और इससे समाज में असंतोष बढ़ेगा।
विपक्षी दलों की नाराजगी, सरकार पर लगे गंभीर आरोप
इस विधेयक को लेकर विपक्षी दलों ने भी सरकार पर तीखे आरोप लगाए हैं। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), डीएमके और AIMIM समेत कई दलों ने आरोप लगाया है कि सरकार इस विधेयक के जरिए वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता खत्म करना चाहती है। उनका कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक संरचना को कमजोर करने की कोशिश है।
संसदीय समिति में भी विरोध, 14 संशोधनों को मिली मंजूरी
संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने इस विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी है। समिति की बैठक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने प्रस्तावित 14 संशोधनों को बहुमत से पास कर दिया। जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया कि 16 सदस्यों ने इन संशोधनों का समर्थन किया, जबकि 10 ने विरोध जताया।
ओवैसी ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार को यह तय करना होगा कि वह देश को आगे ले जाना चाहती है या 80-90 के दशक में वापस धकेलना चाहती है। उन्होंने कहा, “हम भी चाहते हैं कि भारत विकसित राष्ट्र बने, लेकिन क्या वक्फ संपत्तियों को लेकर ऐसे विवाद खड़ा करके देश आगे बढ़ेगा? सरकार को अपनी प्राथमिकताएं तय करनी होंगी।”
विपक्षी सांसदों ने इस विधेयक के खिलाफ अपनी आपत्तियां दर्ज कराई हैं। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन, मोहम्मद जावेद और इमरान मसूद के अलावा टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और नदीमुल हक, डीएमके के ए. राजा और एमएम अब्दुल्ला ने संसदीय समिति में असहमति नोट पेश किया है। विपक्ष इस विधेयक को संसद में रोकने के लिए पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रहा है।
वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद में जारी घमासान फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। जहां सरकार इसे एक प्रशासनिक सुधार बता रही है, वहीं विपक्ष इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला करार दे रहा है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमाएगा और देखना होगा कि संसद में इसका भविष्य क्या होता है।