आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जेल से निकलने के बाद रविवार को अपनी पार्टी के कार्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं के सामने बड़ा ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि वह दो दिन बाद अपने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे देंगे। हरियाणा चुनाव और अगले कुछ महीने में दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को देखते हुए उनका यह ऐलान बहुत महत्वपूर्ण है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर बीजेपी नेताओं ने कई तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं।

“इस्तीफा देने का तथाकथित प्रस्ताव कोई कुर्बानी नहीं है”

बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देने के लिए दो दिन का समय मांगा है। इन दो दिनों में वह विधायकों को मनाएंगे कि उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल को अगला मुख्यमंत्री बनाया जाए।” उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल का सीएम पद से इस्तीफा देने का तथाकथित प्रस्ताव कोई कुर्बानी नहीं है; यह एक और राजनीतिक स्टंट है। जमानत देने के बावजूद अदालतों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शराब घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण वे मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता का इस्तेमाल जारी नहीं रख सकते।

सिरसा ने कहा, “यह किसी भी मौजूदा सीएम के लिए ऐतिहासिक रूप से सबसे खराब स्थिति है, क्योंकि न्यायपालिका ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई है और प्रभावी रूप से पद से हटा दिया है। देश ने पहले कभी भी सत्ता में बैठे किसी नेता का ऐसा अपमान नहीं देखा है, जो उनकी पार्टी के भ्रष्टाचार की गहराई को उजागर करता है।”

बीजेपी के एक अन्य नेता कपिल मिश्रा ने भी इसे पब्लिसिटी स्टंट करार दिया। उन्होंने कहा कि जिस मुद्दे को लेकर केजरीवाल जनता के बीच जा रहे हैं, उस पर जनता ने दो महीने पहले अपना जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा, “अभी दो महीने पहले लोकसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने कैंपेन किया था, और तब सबने इसी मुद्दे पर वोट मांगा था। दिल्ली ने तब बीजेपी को जनादेश देकर दिखाया कि केजरीवाल की जगह जेल में है। मैं चुनौती देता हूं कि कभी भी चुनाव हों वह कभी सीएम नहीं बनेंगे।”

बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने इसे पीआर करार दिया। उन्होंने कहा, “केजरीवाल पीआर कर रहे है। किसी दूसरे को बलि का बकरा बनना चाहते हैं। वह इस बार चुनाव में हारने वाले हैं, इसलिए ये फैसला किया है। केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट का भी अपमान कर रहे है।”