दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में दिल्ली के मुख्यमंत्री बुजुर्गों को रेल यात्रा में दी जाने वाली 50 प्रतिशत छूट को बहाल करने की बात कर रहे हैं। असल में भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों के रेल यात्रा करने के लिए रियायती टिकट की सुविधा को खत्म कर दिया है। लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि 20 मार्च 2020 से वरिष्ठ नागरिकों को रियायती रेल टिकट की सुविधा खत्म कर दी गई है।
‘बुजुर्गों की खुशियां ना छीने सरकार’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखते हुए कहा “प्रधानमंत्री जी, बुजुर्गों को पिछले कई सालों से रेल यात्रा में 50 % छूट मिल रही थी, इसका लाभ देश के करोड़ों बुजुर्गों को मिल रहा था, आपकी सरकार ने इस छूट को समाप्त कर दिया, यह बेहद दुर्भावनापूर्ण है”
उन्होने आगे कहा कि लोकसभा में दिए गए एक जवाब के मुताबिक आपकी सरकार को इस फैसले से 1600 करोड़ रुपए की बचत हो रही है, इसके खर्च करने से केंद्र सरकार अमीर नहीं हो जाएगी। इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के दौरान बुजुर्गों को दी जाने वाली राहतों का भी जिक्र किया।
क्यों बंद की थी सरकार ने यह योजना?
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के बीच देशव्यापी लॉकडाउन के बाद 20 मार्च, 2020 को वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे रियायतें वापस ले ली गई थी। चूंकि कोरोनोवायरस की स्थिति अब सामान्य हो गई है और रेलवे ने सामान्य वृद्धि हासिल कर ली है, इसलिए संसदीय समिति ने रेल मंत्रालय से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
कोविड से पहले तक भारतीय रेलवे 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुषों को किराए में 40 प्रतिशत की छूट देता था और 58 वर्ष की उम्र पूरी कर चुकीं महिलाओं को किराए में 50 प्रतिशत की छूट देता था। यह रियायत मेल/एक्सप्रेस/राजधानी/शताब्दी/दुरंतो समूह की ट्रेनों के सभी वर्गों के किराए में दी जाती थी, लेकिन 20 मार्च, 2020 को यह सुविधा वापस ले ली गई थी।