दिल्ली में अधिकारों की जंग को लेकर दिल्ली और केंद्र सरकार आमने-सामने आ गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच शकुंतला गैमलिन को कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त करने को लेकर पैदा गतिरोध रविवार को उस समय और बढ़ गया जब दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि वे गैमलिन पर नजर रखेंगे। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार उनकी सरकार को नाकाम करना चाहती है।
इसके साथ ही केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने आप सरकार पर पूर्वोत्तर की महिला आइएएस अधिकारी का चरित्र हनन करने और संविधान का अनादर करने का आरोप लगाया।
उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में रविवार को हुए ‘ऑटो संवाद’ में केजरीवाल ने गैमलिन पर बिजली कंपनियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया। कहा कि उनकी सरकार तय करेगी कि अगले दस दिन गैमलिन के कार्यालय जाने वाली हर फाइल उनके पास से होकर जाए।
कार्यवाहक मुख्य सचिव की नियुक्ति पर आप सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच गतिरोध शनिवार को बढ़ गया था जब केजरीवाल ने जंग से संविधान के दायरे में काम करने के लिए कहा और उन पर प्रशासन पर नियंत्रण संभालने का प्रयास करने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार की आपत्तियों के बावजूद गैमलिन को दिल्ली का मुख्य सचिव बना दिया गया।
केजरीवाल ने रविवार को आरोप लगाया-हमने गैमलिन की नियुक्ति का विरोध किया। लेकिन मोदी सरकार ने उन्हें मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया। हम पिछले चार दिन से संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन मोदी सरकार दिल्ली सरकार को नाकाम बनाना चाहती है। यह संदेह पैदा करता है कि वे दस दिन में कुछ गलत करेंगे। लेकिन मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि मैं उन (गैमलिन) पर नजर रखूंगा और हर फाइल मेरे पास से होकर जाएगी।
केजरीवाल के नजर रखने वाले बयान के बाद केंद्र भी इस विवाद में कूदा और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने आप सरकार पर दिल्ली के लोगों का अपमान करने का आरोप लगाया और पूछा कि क्या दिल्ली सरकार दिल्ली में अराजकता लाने की कोशिश कर रही है। रिजिजू ने कहा-यह कुछ नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर की एक महिला आइएएस अधिकारी का चरित्र हनन है। वे कह रहे हैं कि वे अक्षम हैं।
उनके खिलाफ क्या आरोप हैं? अगर वे किसी भ्रष्टाचार में शामिल हैं तो उनके खिलाफ आरोप तय कीजिए। उनके विरुद्ध सार्वजनिक बयान देकर वे बस चरित्र हनन करने में लगे हैं, यह पूर्वोत्तर के लोगों का अपमान है।
केजरीवाल ने गैमलिन पर रिलायंस के लिए लाबिंग करने का आरोप लगाया। मुख्मयंत्री ने दावा किया कि गैमलिन चाहती थीं कि सरकार ऐसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करे जिससे इन फर्मों को 11 हजार करोड़ रुपए मिलते। उन्होंने कहा-जब हमारी सरकार बनी थी, वे एक पत्र पर दस्तखत कराने हमारे बिजली मंत्री के पास यह कहते हुए आर्इं थीं कि रिलायंस की मालिकाना हक वाली बिजली कंपनियों ने 11 हजार करोड़ के कर्ज के लिए आवेदन किया है।
वे चाहती थीं कि मंत्री दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दें और कहा कि यह केवल औपचारिकता है। जब हमारे मंत्री ने इस पत्र की जांच की तो यह गारंटी पत्र निकला। अगर रिलायंस की मालिकाना कंपनियां कर्ज भरने में नाकाम रहतीं तो बोझ जनता पर आता और दिल्ली में दरें दो तीन-गुना बढ़ जातीं।
गौरतलब है कि शनिवार को बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन की ओर से केजरीवाल को लिखा गया पांच मई 2015 का एक पत्र सामने आया। इसमें जैन ने गैमलिन पर रिलायंस के मालिकाना हक वाली बिजली कंपनियों के हितों को बढ़ाने के लिए सरकार के भीतर लाबिंग करने का आरोप लगाया। केजरीवाल से उन्हें प्रधान सचिव (बिजली) के पद से मुक्त करने का अनुरोध किया। पत्र में जैन ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे गैमलिन के संदेह पैदा करने वाले कदमों को आधिकारिक रूप से रखना चाहते हैं।
रिजिजू ने कहा कि उपराज्यपाल के नियमों के तहत अधिकारी की नियुक्ति हुई और दिल्ली सरकार बिना किसी सबूत के उनके खिलाफ आरोप लगा रही है। मंत्री ने आप सरकार के इस आरोप की कड़ी आलोचना की कि केंद्र दिल्ली में तख्तापलट का प्रयास कर रहा है।
यह स्पष्ट करते हुए कि राष्ट्रीय राजधानी संघशासित क्षेत्र है, उन्होंने कहा कि उसकी सरकार किसी अन्य राज्य की सरकार के साथ समतुल्य के रूप में नहीं रखी जा सकती क्योंकि संविधान के मुताबिक उपराज्यपाल को विशेष शक्ति प्राप्त है और राज्य सरकार के पास सीमित शक्तियां हैं। रिजिजू ने कहा-आप कहते रहते हैं कि आप एक निर्वाचित सरकार हैं। लेकिन आपको यह अवश्य समझना चाहिए कि दिल्ली के तीन नगर निगम भी निर्वाचित निकाय हैं।
केंद्र सरकार को भी लोगों ने चुना है। सभी संविधान के तहत काम करते हैं और नियमों का पालन करते हैं। अरुणाचल से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा-आप एक निर्वाचित सरकार हैं, इसका तात्पर्य यह नहीं कि आपके पास दूसरों की उपेक्षा करने का अधिकार है और आप नियमों व संविधान के विरुद्ध काम करें।