दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए बने सरकारी आवास के रिनोवेशन को लेकर सवाल उठा रहे हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही उस सरकारी आवास को ‘शीशमहल’ कहते रहे हैं। वहीं अब CAG की ऑडिट रिपोर्ट आई है, जिसमें पता चला है कि उस घर का रिनोवेशन प्रस्तावित लागत से तीन गुना अधिक रुपये में किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जनवरी को दिल्ली में जनसभा को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने ‘शीशमहल’ का जिक्र किया।

लोक निर्माण विभाग द्वारा किया गया था रिनोवेट का काम

तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए रिनोवेट हुए आवास का काम लोक निर्माण विभाग द्वारा किया गया था। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार शुरू में इस रिनोवेशन की लागत 7.91 करोड़ रुपये बताई गई थी। लेकिन बाद में 2020 में करीब 8.62 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया। लेकिन 2022 में जब इसे पूरा किया गया तो इसकी कुल लागत 33.66 करोड़ रुपये थी। इंडियन एक्सप्रेस ने सीएजी जनरल गिरीश चंद्र मुर्मू की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए इसे प्रकाशित किया है। वह 20 नवंबर 2024 को रिटायर हुए थे और उन्होंने अपने रिटायरमेंट से एक हफ्ते पहले इस रिपोर्ट पर साइन किए थे।

जानें कहां कितना खर्च

रिपोर्ट के अनुसार 96 लाख रुपये के पर्दे, किचन इक्विपमेंट 39 लाख रुपये, टीवी कंसोल के लिए 20.34 लाख रुपये, ट्रेडमिल और जिम इक्विपमेंट के लिए 18.52 लाख रुपये, रेशम कारपेट के लिए 16.27 लाख रुपये, मिनीबार के लिए 4.80 लाख रुपये, दीवारों के लिए संगमरमर के पत्थर के लिए 20 लाख रुपये आवंटित हुए थे। हालांकि इसकी लागत 66.89 लाख रुपये तक पहुंच गई।

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ऑडिट रिपोर्ट में मुख्यमंत्री के आवास से जुड़े स्टाफ ब्लॉक और कैंप कार्यालय के निर्माण के लिए भी 3.86 करोड़ रुपये खर्च हुए। ऑडिट में यह भी बताया गया है कि निवास पर स्वच्छता वस्तुओं, फर्नीचर और जिम उपकरणों की मरम्मत/रखने पर 1.87 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।

दिल्ली सरकार की लापरवाही भी आई सामने

कहा जाता है कि सीएजी ने अपेक्षित कागजी कार्रवाई जमा करने में दिल्ली सरकार की लापरवाही (प्राथमिकता न देना) के बारे में भी शिकायत की थी। इसमें कहा गया कि चालान के साथ आपूर्ति वाउचर के अभाव में ठेकेदारों द्वारा आपूर्ति की गई सामग्री की वास्तविकता और जिस रेट पर इन्हें खरीदा गया था, उसे वेरीफाई नहीं किया जा सका। पिछले महीने दिल्ली सतर्कता निदेशालय को इससे संबंधित कथित अनियमितताओं की जांच करने का काम सौंपा गया था।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सितंबर 2023 में मामले में प्रारंभिक FIR दर्ज की थी। वहीं नई जांच का आदेश दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता द्वारा दायर एक शिकायत के बाद 6 दिसंबर, 2024 को दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने दिया था। वहीं CPWD ने आवास पर काम से संबंधित अवैधताओं में कथित भूमिका के लिए तीन इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है। पढ़ें टॉयलेट सीट को लेकर बीजेपी ने क्यों किया प्रदर्शन?