शराब घोटाले में ईडी द्वारा सीएम अरविंद केजरीवाल को छठा समन दिया गया है। 19 फरवरी को सीएम को पेश होने का आदेश दिया गया है। इससे पहले भी कई समन सीएम को जा चुके हैं, लेकिन उनके द्वारा उन समन को ही गैर कानूनी बताया गया है। उसी वजह से एक बार भी उन्हें जांच में सहयोग नहीं किया। लेकिन इस बार जो समन गया है, उसे कोर्ट की सुरक्षा भी प्रदान है। कोर्ट ने साफ कहा था कि सीएम केजरीवाल को जांच के लिए पेश होना पड़ेगा।

अब सवाल वही है- क्या अरविंद केजरीवाल इस बार ईडी के सामने पेश होंगे या नहीं? जानकार मानते हैं कि उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। इसका कारण ये है कि ईडी ने जो चार्जशीट दायर की है, उसमें सीएम का नाम है और इसके ऊपर यहां तक दावा हुआ है कि एजेंसी के पास पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। ऐसे में अगर सीएम अरविंद केजरीवाल पेश नहीं होते हैं तो जांच एजेंसी उन्हें अरेस्ट कर सकती है।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी कुछ दिनों पहले ही गिरफ्तार किया गया है। वे भी झारखंड के सीएम थे, उन पर भी भ्रष्टाचार के आरोप थे और उनके खिलाफ भी चार्जशीट दायर हुई थी। ऐसे में अगर अगर इसी तरह जांच आगे बढ़ती गई तो दिल्ली में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की चुनौती बढ़ सकती है।

यहां ये समझना जरूरी है कि ईडी की जो चार्जशीट सामने आई है,उसमें एक बार नहीं कई बार अरविंद केजरीवाल केक नाम का भी जिक्र किया गया है। अब नाम इसलिए है क्योंकि जांच एजेंसी को पता चला है कि जिस समय दिल्ली की नई शराब नीति बनाई जा रही थी, तब केजरीवाल का हर उस शख्स से संपर्क था जो इस समय इस घोटाले में फंसा हुआ है। जांच एजेंसी के मुताबिक भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता के अकाउंटेंट बुचीबाबू से जब पूछताछ हुई थी, तब उनकी तरफ से भी सीएम का नाम लिया गया था। उन्होंने दो टूक कहा था कि के कविता, मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल के बीच एक राजनीतिक समझ चल रही थी।