दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान और अन्य AAP नेताओं ने मुंबई में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और सांसद संजय राउत से मुलाकात की। आप संयोजक ने इस मुलाकात के बाद कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) का इस्तेमाल कर राज्य सरकारों को गिराया जा रहा है।

साल 2024 में मोदी सरकार सत्ता में वापस नहीं आ रही- अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद कहा कि दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़ा केंद्र का अध्यादेश इस बात का परिचायक है कि मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास नहीं करती। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “उद्धव ठाकरे ने हमसे वादा किया है कि वे संसद में हमारा साथ देंगे और अगर ये बिल (अध्यादेश) संसद में पास नहीं हो पाता है तो साल 2024 में मोदी सरकार सत्ता में वापस नहीं आने जा रही है।”

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जैसे ही दिल्ली में हमारी सरकार बनी वैसे ही केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन के जरिये हमारी सारी शक्तियां छीन लीं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया कि जनता द्वारा चुनी गयी सरकार के पास शक्तियां होनी चाहिए। पर केंद्र सरकार ने अदालत के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाकर यह साबित कर दिया है कि उनका देश की न्यायपालिका पर कोई भरोसा नहीं है।

‘उन लोगों को हराने के लिए एक साथ आए हैं जो लोकतंत्र के खिलाफ हैं’- उद्धव ठाकरे

वहीं, उद्धव ठाकरे ने अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद कहा, “देश से जो (बीजेपी) प्रजातंत्र हटाने चाहते हैं, मुझे लगता है उन्हें विपक्ष और विरोधी बोलना चाहिए। उन्हें लोकतंत्र विरोधी बोलना चाहिए। हम उन लोगों को हराने के लिए एक साथ आए हैं, जो लोकतंत्र के खिलाफ हैं।”

हम रिश्ता मानने और उसे संभालने वाले लोग हैं- ठाकरे

ठाकरे ने कहा, ” हम रिश्ता मानने और उसे संभालने वाले लोग हैं। राजनीति अपनी जगह पर है। अगला साल चुनाव का साल है। इसलिए अगर इस बार ट्रेन छूट गयी तो फिर हमारे देश से लोकतंत्र खत्म हो जायेगा। इसलिए लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने दो फैसले दिए। जिसमें से एक दिल्ली के बारे में और दूसरा शिवसेना के बारे में था।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हैं। मुझे लगता है कि हमें विपक्षी दल नहीं कहा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें विपक्षी कहा जाना चाहिए क्योंकि वे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ हैं। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली पर केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की लड़ाई में शिवसेना (UBT) का समर्थन मांगा है।