प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर तो कोई मुद्दा ही नहीं है और असली मुद्दा पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) है और सरकार के सामने अगला बाकी पेज 8 पर काम पीओके को भारत में शामिल करने का ही बचा है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की समस्या के लिए प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि नेहरू ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को जम्मू कश्मीर के मुद्दे से निपटने की स्वतंत्रता दे दी होती और हस्तक्षेप नहीं किया होता तो ना 370 का बखेड़ा होता और ना पीओके होता।
लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पर चर्चा में जितेंद्र सिंह ने कहा कि अनुच्छेद 370 की कुछ धाराओं को समाप्त करने के बाद अब राज्य का नौजवान आगे बढ़ गया है, लेकिन कुछ नेता हैं जो अतीत में उलझे हुए हैं। उन्होंने कांग्रेस के साथ ही नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी समेत राज्य के दलों पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि कश्मीर तो कोई मुद्दा ही नहीं है। इसे तो कुछ लोगों ने राजनीतिक दुरुपयोग के लिए अपना हथियार बना रखा है।
उन्होंने कहा, ‘मुद्दा तो पीओके है। उसे कैसे हासिल करें। अब सरकार के सामने अगला काम यही बचा है, पीओके को भारत में लाने का।’ उन्होंने कहा कि 1994 में कांग्रेस नीत सरकार में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव पीओके पर एक प्रस्ताव लेकर आए थे, जिसका भाजपा ने समर्थन किया था। लेकिन कांग्रेस आज राव का नाम तक नहीं लेती।