पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अध्यक्ष ममता बनर्जी ने खुलासा किया है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान खत्म किए जाने से पहले वहां के एक पूर्व सीएम ने उनसे मदद की मांग की थी। घाटी के पूर्व मुख्यमंत्री ने ममता से कहा था कि वे लोग हालात के मद्देनजर बेहद डरे और घबराए हुए हैं। अगर कोई दिक्कत होगी, तब क्या आप लोग हमारे साथ खड़े होंगे?

बुधवार (14 अगस्त, 2019) को एक कार्यक्रम में ममता ने यह दावा किया। कहा- मैं संविधान के अनुच्छेद 370 के बारे में अधिक बात नहीं करना चाहती हूं पर जिस तरह से उसे निरस्त किया गया, वह तरीका गलत था। क्या मुझे जम्मू और कश्मीर के तीन पूर्व सीएम के बारे में जानने का अधिकार भी नहीं है? वे लोगों द्वारा चुन कर सीएम बने थे।

दीदी ने आगे कहा, “आठ-10 दिनों से उनके (तीनों सीएम) के बारे में देश को कोई खबर नहीं है। अगर आज मैं यह सवाल पूछती हूं, तब मुझे केंद्रीयन अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गिरफ्तार कर लेगा? मैं अभी भी मानती हूं कि इस मसले पर सभी पार्टियां शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत कर हल निकाल सकती हैं।”

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सीएम ने बताया कि जो कुछ भी (जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पास) हुआ, उससे एक दिन पहले उन्हीं तीन पूर्व सीएम में से एक ने मुझसे कहा था, “हम लोग बहुत डरे हुए हैं। अगर हमारे सामने कोई समस्या आई, तब क्या आप हमारे साथ खड़े होंगे?” यह बदकिस्मती ही है कि मैं उनके साथ इस हालात में खड़ी भी नहीं हो पा रही हूं। शारीरिक तौर पर तो नहीं, पर हमारी विचारधारा (अनुच्छेद 370 पर) हमेशा उनके साथ है।

बता दें कि संसद के निचले सदन लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पास होने के एक दिन पहले ही रात में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (पीडीपी चीफ) और उमर अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता) को देर रात नजरबंद कर दिया गया था, जबकि बाद में फारूख अब्दुल्ला (एनसी अध्यक्ष) को भी घर में कथित तौर पर नजरबंद कर दिया गया था। उसके बाद से इन तीनों की कोई खास खबर नहीं है।