लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के मोदी सरकार के कदम का चीन ने विरोध किया तो भारत ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। मंगलवार (6 अगस्त 2019) को विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत कभी किसी देश के आंतरिक मामलों पर दखलअंदाजी नहीं करता ऐसे में किसी भी देश को भारत के आंतरिक मामलों पर दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने चीन ने एकबार फिर लद्दाख को अपना क्षेत्र बताते हुए विरोध करते हुए कहा ‘चीन हमेशा चीन-भारत सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में चीन की सरजमीं को भारत द्वारा अपने प्रशासनिक क्षेत्राधिकार में शामिल करने का विरोध किया है। यह रुख दृढ और एकसमान रहा है और कभी बदला नहीं है। भारत द्वारा अपने कानूनों में एकपक्षीय तरीके से संशोधन चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता को निरंतर कमतर करता है जो अस्वीकार्य है तथा इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा ‘भारत और चीन सीमा से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए संबंधित सीमा के निष्पक्ष, तार्किक और आपसी रूप से स्वीकार्य समझौते पर सहमत हुए हैं। इस तरह का समझौता होने तक, दोनों पक्ष संबंधित समझौतों के आधार पर सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और अमन-चैन कायम रखने पर सहमत हुए हैं।’
वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दावा किया है कि वे जब जम्मू कश्मीर की बात कर रहे हैं तो उसमें पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) और चीन के कब्जे वाला हिस्सा भी शामिल है। शाह ने कहा कि हम पीओके के लिए जान भी दें देंगे।
लद्दाख अब नई सुबह, बेहतर कल के लिए तैयार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अब निहित स्वार्थ से जुड़े लोगों के चंगुल से आजाद हैं और एक नई सुबह, एक बेहतर कल के लिए तैयार हैं। पीएम ने अपने ट्वीट में कहा, ‘मैं जम्मू-कश्मीर की बहनों और भाइयों के साहस और जज्बे को सलाम करता हूं। वर्षों तक कुछ स्वार्थी तत्वों ने इमोशनल ब्लैकमेलिंग का काम किया, लोगों को गुमराह किया और विकास की अनदेखी की। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अब ऐसे लोगों के चंगुल से आजाद हैं। एक नई सुबह, एक बेहतर कल के लिए तैयार हैं।’