सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा होकर रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अपने कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने साथियों से मुलाकात की और फिर से उद्धव ठाकरे को चुनौती दे डाली। उन्होंने कहा, ‘सरकार का तानाशाही रवैयार हार गया है। मुझे जेल में डालकर उन्हें क्या मिला।’ अर्नब ने कहा कि वह अग्निपरीक्षा से होकर गुजरे हैं और दोगुने उत्साह के साथ फिर वापस आ गए हैं। गोस्वामी ने कहा, ‘आज आप हार गए हैं। आपने सोचा था कि तलोजा जेल में ठोकरें खिलाकर मुझे बदलेंगे। लेकिन जनता सब जानती है। तुम हार गए हो।’
उन्होंने कहा, ‘में देश के लोगों को इतने समर्थन और प्यार के लिए धन्यवाद देता हूं।’ उद्धव ठाकरे को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा, ‘मेरे पास कुछ हारने के लिए नहीं है। यह नेटवर्क एक विचार है और एक विचारधारा है। अगर आपको हमारे साथ दिक्कत है तो आमने सामने लड़िए। पीठ पीछे वार करके किसी के घर में घुसकर आप क्या दिखाना चाहते हैं। यह अवैध गिरफ्तारी थी और इस वक्त तक एक बार भी आपने माफी नहीं मांगी। फर्जी और पुराना केस उठाकर डराने की कोशिश की जाती है और उसके साथ-साथ पिस्तौल मशीनगन लेकर किसी के घर में घुसकर एक आदमी खींचकर आपने क्या प्रूव किया है।’
उन्होंने कहा, यह समर्थन मैंने 24-25 साल की कड़ी मेहनत और पत्रकारिता से कमाया है। तुम कौन होते हो इसे लेने वाले। अर्नब ने कहा, ‘अगर उद्धव ठाकरे तुम्हें लगा कि लोग तुम्हारे साथ हैं तो इस गलतफहमी में कभी न रहना। तुम लोग कहते हो पत्रकारिता सीमा होती है। कौन होते हो तय करने वाले पत्रकारिता की सीमा। यह मैं और मेरी टीम तय करेगी। उद्धव ठाकरे तुम कहां थे जब हमने कॉमनवेल्थ घोटाला, आदर्श स्कैम का खुलासा किया था। तुम कौन हो हमें सिखाने वाले पत्रकारिता और पत्रकारिता की लक्ष्मणरेखा।’
#ArnabIsBack | जनता सब देख रही है और सब जानती है: अर्नब गोस्वामी
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— रिपब्लिक.भारत (@Republic_Bharat) November 11, 2020
अर्नब गोस्वामी को बेल देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को फटकार लगाई थी और कहा था कि किसी व्यक्ति को इस तरह टारगेट कर के अभिव्यक्ति की आजादी नहीं छीनी जा सकती। अगर कोई ऐसा करता है तो अदालत का हस्तक्षेप जरूरी है।