रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ विकास खानचंदानी को मुंबई कोर्ट से जमानत मिल गई है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की एक अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। टीआरपी के कथित घोटाले के मामले में विकास खानचंदानी को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया था।

विकास खानचंदानी को तलोजा जेल में रखा गया था। उनको जमानत मिलने के बाद अर्नब गोस्वामी ने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार जो कर रही है वह न्याय के खिलाफ है। आज उन अफसरों से सवाल पूछना होगा कि कब तक वह न्यायपालिका से भागेंगे। हमारे खिलाफ हर किस्म के केस लगाए गए। हर बार हम कोर्ट में जीते हैं। जो जज हैं, वे देख रहे हैं। भारत की जनता देख रही है। निस्वार्थ तरीके से पत्रकारिता करने वाले रिपब्लिक भारत को कोई नहीं रोक सकता।’

अर्नब ने कहा, ‘भारत के हर प्रांत और हर भाषा में हम चैनल खोलेंगे। हमें कोई नहीं रोक सकता। लोग देख रहे हैं, जांच शुरू हो गई है। आज मानवाधिकार आयोग ने कहा कि रिपब्लिक के घनश्याम सिंह को मारा गया। इसकी जांच हो रही है और जांच होनी भी चाहिए।’

इससे पहले टीआरपी के कथित घोटाले के मामले में 12 लोग गिरफ्तार हो चुके थे। रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने उनकी गिरफ्तारी को गलत बताया था और कहा कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। उनका कहना था कि यह मामला TRAI के अंतरगत आता है इसलिए मुंबई पुलिस की तरफ से गिरफ्तारी अवैध है।

विकास की गिरफ्तारी के बाद अर्नब ने कहा था कि अग्रिम जमानत पर सुनवाई के एक दिन पहले ही मुंबई पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। चैनल ने यह भी कहा था कि फर्जी टीआरपी मामले में उन्होंने पूरा सहयोग किया  गया था और 100 घंटे से ज्यादा पूछताछ का सामना किया था

बता दें कि खानचंदानी की ही तरह अर्नब को भी उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें हाई कोर्ट से जमानत नहीं मिली थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नसीहत भी दी थी। अर्नब का आरोप है कि रिपब्लिक के जिन अधिकारियों या कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है उनके साथ मुंबई पुलिस दुर्व्यवहार कर रही है।