केंद्र सरकार ने पांच राज्यों के नए गवर्नर नियुक्त किए हैं। बिहार में आरिफ मोहम्मद खान को गवर्नर के तौर पर भेजा गया है। इससे पहले आरिफ मोहम्मद खान केरल के गवर्नर थे। बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव है। ऐसे में यह नियुक्ति काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। जेडीयू ने आरिफ मोहम्मद खान की उदारवादी और एक प्रगतिशील अल्पसंख्यक चेहरे की छवि का हवाला देते हुए फैसले का स्वागत किया है। जबकि एनडीए की सहयोगी भाजपा ने भी इस फैसले पर खुशी जाहिर की है।

कांग्रेस पर निशाना साधते रहे हैं आरिफ मोहम्मद खान

केंद्र में शासन करने वाली भाजपा ने अक्सर शाहबानो मामले में मुस्लिम तुष्टिकरण की कांग्रेस की राजनीति को उजागर करने में आरिफ मोहम्मद खान की भूमिका का जिक्र किया है। प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी ने भी आरिफ मोहम्मद खान की नियुक्ति का स्वागत किया। लेकिन केरल में उनकी गवर्नर पारी का जिक्र करते हुए कथित तौर पर ‘संघीय ढांचे की अवहेलना’ करने के उनके पिछले रिकॉर्ड पर संदेह जताया।

जेडीयू के सलाहकार और पूर्व सांसद केसी त्यागी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पार्टी ने आरिफ मोहम्मद खान का ‘दोस्त, विद्वान और एक उदार और प्रगतिशील अल्पसंख्यक चेहरे’ के रूप में स्वागत किया। केसी त्यागी ने कहा, “वह कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति को उजागर करने वाले पहले मुस्लिम नेताओं में से एक थे। हमने अपने शुरुआती दिनों में एक साथ काम किया था। इसके बाद वह कांग्रेस में चले गए, जहां शाहबानो मामले और मुस्लिम तुष्टिकरण पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के रुख से असंतुष्ट होने के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी।”

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बता दें कि आरिफ मोहम्मद खान ने शाह बानो मामले पर अपनी सरकार के रुख का हवाला देते हुए राजीव गांधी सरकार में राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुस्लिम महिलाएं अन्य महिलाओं की तरह तत्कालीन दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 125 के तहत गुजारा भत्ता मांग सकती हैं।

JDU ने किया स्वागत

यह पूछे जाने पर कि क्या आरिफ मोहम्मद खान की नियुक्ति को मुसलमानों के लिए पार्टी को अपनी गुड बुक में रखने के संदेश के रूप में देखता है, इस केसी त्यागी ने कहा, “नीतीश और आरिफ मोहम्मद खान दोनों अपने आप में उदार और धर्मनिरपेक्ष नेता हैं। बिहार के राज्यपाल के रूप में उनकी नियुक्ति से मुसलमानों के बीच एक अच्छा संदेश जाएगा, जबकि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उनके विद्वतापूर्ण इनपुट से राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में उनकी पदेन स्थिति का महत्व बढ़ सकता है।”

केरल के राज्यपाल के रूप में अपने पिछले कार्यकाल में आरिफ मोहम्मद खान का पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार के साथ मतभेद था। LDF ने उनपर संघ परिवार के सदस्यों को नामांकित करके विश्वविद्यालयों का ‘भगवाकरण’ करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।

बीजेपी का बयान

एआर किदवई के 26 साल बाद आरिफ मोहम्मद खान बिहार के पहले मुस्लिम राज्यपाल बने हैं। किदवई अगस्त 1993 से अप्रैल 1998 तक इस पद पर रहे। भाजपा प्रवक्ता मनोज कुमार शर्मा ने उन दावों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी नियुक्ति पार्टी की मुस्लिम तुष्टीकरण की कोशिश है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए मजबूत है। किसी अतिरिक्त संदेश की कोई आवश्यकता नहीं है। हम आरिफ मोहम्मद खान की एक दूरदर्शी विद्वान और प्रशासक के रूप में सराहना करते हैं। हम शाह बानो मामले पर जवाबी बहस के ध्वजवाहक के रूप में उनकी नियुक्ति का स्वागत करते हैं, जिसने कांग्रेस के मुस्लिम तुष्टिकरण को उजागर किया है।”

BJP-JDU में मतभेद?

आरिफ मोहम्मद खान की नियुक्ति केंद्र के प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक जैसे मुस्लिम समुदाय से जुड़े कुछ मुद्दों पर जेडीयू और भाजपा के बीच कुछ मतभेदों के बीच हुई है। नीतीश कुमार इस समय अपनी प्रगति यात्रा पर हैं और इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वह हिंदुओं और मुसलमानों के लिए काम करना जारी रखेंगे, भले ही मुसलमान उन्हें वोट दें या नहीं। दूसरी ओर भाजपा अपने हिंदुत्व के एजेंडे को चुन-चुन कर आगे बढ़ा रही है।

अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज जैसे सीमांचल क्षेत्र के मुस्लिम बहुल इलाकों में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा को लेकर भी दोनों सहयोगियों के बीच मतभेद उभरे। इसके बाद नीतीश ने एनडीए की बैठक में स्पष्ट संदेश दिया था कि ‘विकास के साथ न्याय’ ही गठबंधन का प्रमुख एजेंडा होना चाहिए।

RJD ने संशय के साथ किया स्वागत

आरिफ मोहम्मद खान की नियुक्ति पर आरजेडी ने कहा कि वह राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी के रूप में नियुक्ति का स्वागत करती है। आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध कुमार मेहता ने कहा, “हालांकि केरल के राज्यपाल के रूप में संघीय ढांचे की अवहेलना करने की उनकी पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए हम थोड़ा चिंतित हैं। भाजपा अगर सोचती है कि आरिफ मोहम्मद खान की नियुक्ति मुसलमानों के लिए एक संदेश है तो वह गलत है। हमारे प्रमुख लालू प्रसाद अल्पसंख्यकों और धर्मनिरपेक्षता के समर्थक बने हुए हैं।” पढ़ें कौन हैं मणिपुर के नए गवर्नर अजय कुमार भल्ला