राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीईटी) ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम के लिए आनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। आइटीईपी दोहरी स्नातक उपाधि है, जो बीए बीएड, बीएससी बीएड और बीकाम बीएड पाठ्यक्रम उपलब्ध करती है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह शिक्षक शिक्षा से संबंधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख आदेशों में से एक है।

इसे शुरू में देश भर के बहु-विषयक केंद्रीय, राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों और संस्थानों में पायलट मोड में पेश किया जाएगा। राष्ट्रीय परीक्षा एजंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय साक्षा प्रवेश परीक्षा के जरिए प्रवेश दिया जाएगा। इच्छुक उम्मीदवार 31 मई तक आवेदन कर सकते हैं। शिक्षा मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद ने एनईपी 2020 के अनुसार इस पाठ्यक्रम को इस तरह तैयार किया है कि यह छात्र-शिक्षक को शिक्षा में डिग्री के साथ-साथ इतिहास, गणित, विज्ञान, कला, अर्थशास्त्र या वाणिज्य जैसे विषयों में भी सक्षम बनाता है।

र वर्षीय आइटीईपी उन सभी विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध होगा जो माध्यमिक के बाद शिक्षण को एक पेशे के रूप में करना चाहते हैं। यह एकीकृत पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को लाभान्वित करेगा क्योंकि वे वर्तमान बीएड योजना के लिए आवश्यक पांच सालों के बजाय इसे चार सालों में पूरा करके एक वर्ष की बचत करेंगे।

पाकिस्तान में चिकित्सा की पढ़ाई न करें भारतीय विद्यार्थी : एनएमसी

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने भारतीय विद्यार्थियों को पाकिस्तान के मेडिकल कालेजों में दाखिला नहीं लेने की सलाह दी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने कुछ दिन पहले संयुक्त परामर्श के माध्यम से भारतीय विद्यार्थियों से पाकिस्तान में किसी भी कालेज या शैक्षणिक संस्थान में खुद को नामांकित नहीं करने का आग्रह किया था, जिसके बाद एनएमसी द्वारा सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया है।

यूजीसी और एआइसीटीई के परामर्श में कहा गया था कि यदि विद्यार्थी ऐसा करने में विफल रहे तो वे इस देश में नौकरी खोजने या उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे। जारी नोटिस में कहा गया है कि ‘सभी संबंधित लोगों को सलाह दी जाती है कि वे चिकित्सा शिक्षा के लिए पाकिस्तान की यात्रा न करें।’

डीयू में ‘शताब्दी अवसर’ के लिए 14 जून तक पंजीकरण

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ने वाले लोगों को ‘शताब्दी अवसर’ दिया गया है। अंतिम वर्ष में पढ़ाई छोड़ने वालों को एक बार फिर से परीक्षा में बैठने का मौका मिल सकेगा। इसके लिए उन्हें ‘शताब्दी अवसर’ के तहत पंजीकरण कराना होगा और परीक्षा को पास करने के बाद अपनी डिग्री पूरी कर सकेंगे।

विश्वविद्यालय के आदेश में कहा कि स्नातक, स्नातकोत्तर और व्यावसायिक पाठ्यक्रम के छात्र जिन्होंने नियमित पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया, गैर कालेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीडब्लूईबी), स्कूल आफ ओपन लर्निंग (एसओएल) और एक्सटर्नल सेल के छात्र पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकेंगे।

पूर्व छात्र शताब्दी अवसर परीक्षा के लिए 14 जून, 2022 तक अपना पंजीकरण फार्म जमा कर सकते हैं। विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले संकायों, विभागों, कालेज और केंद्रों को 20 जून, 2022 तक ऐसे विद्यार्थी द्वारा भरे गए पंजीकरण फार्म की पुष्टि और सत्यापन पूरा करने को कहा गया है।

शारीरिक स्वास्थ्य, खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी ने तैयार किए दिशानिर्देश

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में शारीरिक स्वास्थ्य, खेलकूद, विद्यार्थियों के स्वास्थ्य, कल्याण, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। इसके तहत हर विश्वविद्यालय और कालेज में विद्यार्थी सेवा केंद्र (एसएससी) स्थापित किया जाएगा। सभी विद्यार्थियों को किसी न किसी खेल को खेलना या किसी शारीरिक गतिविधि में शामिल होना होगा। ये विद्यार्थी सेवा केंद्र विद्यार्थियों की तनाव और भावनात्मक समस्याओं के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होंगे।