संसद की कार्यवाही भारत रत्न डा. एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देने के बाद उनके सम्मान में मंगलवार और बुधवार के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा की मंगलवार की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा- आज मैं बहुत भारी मन से भारत रत्न और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देती हूं, जो भारत के असली नगीना थे। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि डा. कलाम के निधन से देश ने भारत का एक सच्चा सपूत खो दिया है और प्रौद्योगिकी पुरुष, एक शिक्षक और एक नेता के रूप में राष्ट्र को दिए गए उनके योगदान के प्रति यह देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा।
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी दलों के शीर्ष नेता और लगभग सभी सदस्य पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देने के लिए सदन में मौजूद थे। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भावुक होते हुए कहा कि 83 वर्षीय डा. कलाम ऐसी नेक शख्सियत थे जिनमें 38 वर्षीय युवक की ऊर्जा और उत्साह था और आठ साल के बच्चे जैसी मासूम मुस्कान थी। उन्होंने कहा कि वे देश के युवाओं और बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत और प्रेरक व्यक्तित्व थे। उनके निधन से एक शून्य जरूर बन गया है लेकिन उनका जीवन सभी के लिए हमेशा प्रेरक बना रहेगा। वे देश के मानस पर अमिट छाप छोड़ गए हैं।
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पूर्व राष्ट्रपति डा. कलाम के अंतिम संस्कार में सदस्यों के शामिल होने के उद्देश्य से दोनों सदनों की कार्यवाही बुधवार 29 जुलाई के लिए भी स्थगित कर दी गई।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उच्च संवैधानिक मूल्यों और आदर्शों से डा. कलाम ने राष्ट्रपति के सम्मानित पद की गरिमा और मान को और अधिक बढ़ाया, जिसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को काफी मजबूत किया। उन्होंने कहा कि अपनी अंतिम सांस तक वे वह कार्य कर रहे थे जो उन्हें सबसे प्रिय था और वह था युवा भारतीय प्रतिभाओं से संवाद करते हुए उनके मन को वैज्ञानिक सोच और जिज्ञासा की भावना से भरने का।
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स्पीकर ने कहा कि डा. कलाम के निधन से देश ने दूरदर्शी राजनेता, एक महान वैज्ञानिक, वंचितों के मित्र और एक ऐसे बेहतरीन इंसान को खो दिया जिसने अपने पूरे जीवन को एक प्रगतिशील, विवेकपूर्ण और समतावादी समाज निर्मित करने के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि डा. कलाम ने एक वैज्ञानिक के रूप में भारत के अंतरिक्ष और सैन्य मिसाइल विकास प्रयासों को बहुत आगे बढ़ाया और इसी कारण भारत के मिसाइल मैन के रूप में जाने गए। डा. कलाम ने 1998 में भारत के पोखरण-2 परमाणु परीक्षण में अहम भूमिका निभाई।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि डा. कलाम का कद इतना बड़ा था कि विदेशों में भी उन्हें अपार सम्मान मिला। संयुक्त राष्ट्र ने उनके 79वें जन्मदिवस को ‘विश्व छात्र दिवस’ के रूप में घोषित किया, स्विटजरलैंड ने 26 मई की उनकी अपने देश की यात्रा पर आने के अवसर को ‘विज्ञान दिवस’ के रूप में घोषित किया और विश्व के 40 देशों के विश्वविद्यालयों ने उन्हें मानद डाक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया।
हामिद अंसारी ने कहा कि डा. कलाम के शोध और शैक्षिक नेतृत्व ने उन्हें अभूतपूर्व सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाई और उनके नेतृत्व में ही देश के मिसाइल कार्यक्रम की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा- अपने सहयोगियों और साथ जुड़े लोगों से उन्हें गहरा लगाव था और उनकी इसी विशेषता की वजह से उन्हें जनता का राष्ट्रपति कहा गया।