भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। इस सबके बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत का पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है लेकिन अगर देश पर सैन्य हमला होता है तो बहुत मजबूती से जवाब दिया जाएगा।

भारत-पाकिस्तान के बीच तनावग्रस्त माहौल के बीच ईरानी विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची भारत पहुंचे हैं। जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची के साथ बैठक में यह बात कही। विदेश मंत्री ने कहा कि पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले ने भारत को सीमा पार स्थित आतंकवादियों के ठिकानों पर बुधवार को हमला करने के लिए मजबूर किया।

स्थिति को और बिगाड़ने का हमारा कोई इरादा नहीं- एस जयशंकर

डॉ जयशंकर ने कहा, “इस हमले ने हमें 7 मई को सीमा पार आतंकवादी ढांचे पर हमला करके जवाब देने के लिए मजबूर किया। हमारी प्रतिक्रिया निर्धारित और नपी-तुली थी।” उन्होंने कहा, “स्थिति को और बिगाड़ने का हमारा कोई इरादा नहीं है। हालांकि, अगर हम पर सैन्य हमला होता है तो इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि इसका बहुत ही मजबूती से जवाब दिया जाएगा।” जयशंकर ने कहा कि एक पड़ोसी और करीबी साझेदार के रूप में यह महत्वपूर्ण है कि ईरान को स्थिति की अच्छी तरह से जानकारी रहे। भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच ईरानी विदेश मंत्री कल मध्य रात्रि में पूर्व निर्धारित यात्रा पर नयी दिल्ली पहुंचे।

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पीएम मोदी की उच्च स्तरीय बैठक

वहीं, दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के मद्देनजर बृहस्पतिवार को विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और निरंतर सतर्कता-स्पष्ट संवाद बनाए रखने का आह्वान किया। साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा और परिचालन तैयारियों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान जिन मुद्दों पर चर्चा की गई उनमें नागरिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना, गलत सूचना और फर्जी खबरों से निपटने के प्रयास और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल था। मंत्रालयों को राज्य प्राधिकारियों और जमीनी स्तर के संस्थानों के साथ निकट समन्वय बनाए रखने की भी सलाह दी गई। उच्च स्तरीय बैठक में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सचिवों ने भाग लिया और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित हाल के घटनाक्रम के मद्देनजर राष्ट्रीय स्तर पर तैयारियों और अंतर-मंत्रालयी समन्वय की समीक्षा की गई। पढ़ें- सर्वदलीय बैठक में क्या हुआ?

(भाषा के इनपुट के साथ)