ABP ग्रुप के अखबार टेलीग्राफ ‘द टेलिग्राफ नेशनल डिबेट’ में खुलकर पीएम नरेंद्र मोदी का समर्थन कर सुर्खियां बटोरने वाले अनुपम खेर ने जेएनयू स्‍टूडेंट यूनियन के अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार पर निशाना साधा है। एक निजी चैनल के साथ बातचीत में अनुपम खेर ने कन्हैया कुमार और उनके समर्थकों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अभिव्यक्ति की आजादी थी, लेकिन अब वहां नकारात्मकता देखने को मिल रही है। अनुपम खेर ने कन्‍हैया से सवाल पूछा कि विश्वविद्यालय कैंपस पर बनी उनकी फिल्म ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम’ जेएनयू में क्यों नहीं दिखाई जा रही है?

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इस फिल्म में जेएनयू जैसे कैंपस की जिंदगी दिखाने की कोशिश की गई है। खेर ने कहा कि फिल्म के प्रोड्यूसर-डायरेक्टर लगातार जेएनयू प्रशासन को फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए चिट्ठी लिख रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है। अनुपम खेर ने पूछा, ‘जेएनयू में सिर्फ कुछ ही लोगों को अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता क्‍यों दी जा रही है।’ उन्‍होंने खुलासा किया कि फिल्‍म के डायरेक्‍टर पिछले दो साल से जेएनयू में स्‍क्रीनिंग के लिए एडमिनिस्‍ट्रेशन को लिख रहे हैं। खेर ने कहा, ‘सिनेमा सिर्फ सिनेमा है, यह राजनीति के दायरे से बाहर है।’ ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम’ को विवेक अग्निहोत्री ने डायरेक्‍ट किया है। उन्‍होंने भी कई ट्वीट कर कन्‍हैया पर निशाना साधा है। विवेक अग्निहोत्री ने लिखा, ‘कन्‍हैया हम ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम’ को जेएनयू में दिखाने की आजादी चाहते हैं।

सात मार्च को अनुपम खेर ने पीएम मोदी के पक्ष में जबर्दस्‍त भाषण दिया था। कार्यक्रम में बहस का मुद्दा ‘टॉलरेंस इज़ द न्यू इनटॉलरेंस’ था। इस कार्यक्रम में जस्टिस अशोक गांगुली, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, अभिनेत्री काजोल, सीनियर जर्नलिस्ट बरखा दत्त और सुहेल सेठ जैसी हस्तियां मौजूद थीं। कार्यक्रम में जस्टिस गांगुली ने असहिष्‍णुता पर चिता जताई तो अनुपम खेर उन पर बरस पड़े। जस्टिस गांगुली के अफजल की फांसी को लेकर दिए गए बयान पर भी अनुपम खेर ने जोरदार हमला बोला था। जस्टिस गांगुली ने कहा था, ‘फांसी दिए जाने के तरीके पर मैं (पूर्व) न्यायाधीश के तौर पर बोल रहा हूं। उसकी दया याचिका तीन फरवरी को खारिज कर दी गई और फांसी नौ फरवरी को हुई। उन्होंने कहा कि यह गलत है। उसके पास इसे चुनौती देने का अधिकार था। परिवार का अधिकार था कि उन्हें इस बारे में सूचना दी जाती।’जस्टिस गांगुली के इसी बयान का जवाब देने आए अनुपम खेर ने अपने भाषण में कहा, ”मैं आपके बयान से हैरान हूं. यह शर्मसार और दुखी करने वाला है। आप सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत ठहरा रहे हैं. यह बहुत दुख की बात है. यह कलंकित करने वाला है।”

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