जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सैकड़ों छात्रों की सोमवार को पुलिस से तब भिड़ंत हो गयी जब संसद की ओर जा रहे उनके सीएए विरोधी मार्च को रोक दिया गया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के दौरान 10 छात्राएं जख्मी हुई हैं।
जामिया की छात्राओं का आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और प्राइवेट पार्ट्स पर मारा। जामिया हेल्थ सेंटर के डॉक्टर का कहना है कि जामिया की 10 छात्रों को प्राइवेट पार्ट्स में चोट लगी है जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि कुछ छात्राओं को गंभीर चोटें आईं हैं जिसके चलते उन्हें अल-शिफा अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।
वहीं दिल्ली पुलिस ने जामिया छात्रों के प्रदर्शन के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में आईपीसी की धारा 186, 188, 353, 332 के तहत केस दर्ज किया है। न्यू फ्रेंड्स कालोनी पुलिस स्टेशन में यह केस दर्ज किया गया है।
छात्राओं का आरोप है कि पुलिस ने लाठी से उनके सीने पर भी मारा है। टीवी चैनल इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान एक छात्रा ने कहा कि एक महिला पुलिसकर्मी ने उसका बुर्का हटाया और लाठी से उसके प्राइवेट पार्ट पर वार किया। छात्राओं का आरोप है कि एक महिला पुलिसकर्मी ने बुर्का हटाकर बूट से हमला किया।
अल-शिफा अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 9 लोग घायल है जिनमें 8 जामिया की छात्र है और एक स्थानीय निवासी है। उनका कहना है कि एक छात्रा को ज्यादा चोटें आई हैं और वह आईसीयू में रखा गया है।
प्रदर्शनकारी जेबा अनहद का कहना है कि, ‘‘दो महीने से हम प्रदर्शन कर रहे हैं। हमसे बात करने के लिए सरकार की तरफ से कोई नहीं आया, इसलिए हम उनके पास जाना चाहते हैं ।’’ जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रॉक्टर वसीम अहमद खान ने छात्रों से वापस लौट जाने और पुलिस के साथ नहीं भिड़ने की अपील की। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया, ‘‘संदेश भेजा गया है। मैं भीड़ में शामिल छात्रों से विश्वविद्यालय वापस लौटने का अनुरोध करता हूं। कानून का सम्मान करते हुए शांतिपूर्वक वापस लौट जाएं।’
प्रदर्शनकारी ‘‘कागज नहीं दिखाएंगे’ और ‘जब नहीं डरे हम गोरों से तो क्यों डरे हम औरों से’ जैसे नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने जामिया के गेट नंबर-सात से अपना मार्च शुरू किया ।
बता दें कि जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) के नेतृत्व में जामिया के छात्रों, पूर्व छात्रों और प्रदर्शनकारी इस प्रदर्शन में शामिल थे। प्रदर्शनकारी संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ संसद की ओर मार्च निकाल रहे थे लेकिन पुलिस ने इजाजत नहीं दी।विश्वविद्यालय के आसपास सुरक्षार्किमयों की भारी तैनाती की गयी थी।
(भाषा इनपुट्स के साथ)