एक हफ्ते पहले संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन बिल (CAB) पर बीजेपी सरकार का समर्थन करने वाले ओडिशा के सीएम और बीजू जनता दल (बीजेडी) के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने देशभर में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लागू करने का विरोध किया है। NRC का विरोध करने वाले वो देश के सातवें मुख्यमंत्री बन गए हैं। नवीन पटनायक ने बुधवार (18 दिसंबर) को कहा, “नागरिकता (संशोधन) अधिनियम का भारतीय नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है। यह केवल विदेशियों से संबंधित है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में बीजू जनता दल के सांसदों ने स्पष्ट कर दिया है कि हम NRC का समर्थन नहीं करते हैं। मैं अपने नागरिकों से अपील करूंगा कि वे शांति बनाए रखें और अफवाह फैलाने वालों को न भड़काएं।”
पुरी लोकसभा सीट से बीजेडी सांसद पिनाकी मिश्रा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “NRC में लोगों को निशाना बनाने की पूरी गुंजाइश है। इसके तहत किसी भी नाहगरिक को उसकी नागरिकता साबित करने के लिए कहा जा सकता है।” मिश्रा ने कहा, “मैं अपनी नागरिकता साबित नहीं कर सकता- मेरे पास जन्म प्रमाणपत्र भी नहीं है।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) NRC लागू करने का पहला चरण था। मिश्रा ने कहा कि यह राज्य सरकारों या उसकी एजेंसी द्वारा किया जाना चाहिए था। बतौर मिश्रा केंद्र सरकार इस तरह से राज्य सरकारों पर दबाव नहीं बना सकती।
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बता दें कि शुक्रवार को ही बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी NRC को देशभर में लागू करने का विरोध किया है। उनकी पार्टी ने भी संसद में CAB के पक्ष में वोट किया था। नवीन पटनायक और नीतीश कुमार के अलावा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, केरल के सीएम पी विजयन, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी NRC को देशभर में लागू करने का विरोध किया है।
विपक्षी दलों के पांच सीएम ने तो नागरिकता संशोधन कानून को भी लागू करने से इनकार किया है। दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और तेलंगाना की सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति ने भी NRC का विरोध किया है। इन दोनों दलों ने भी संसद में CAB का विरोध किया था।