तमिलनाडु में रेलवे के कर्मचारियों ने एक हादसे को अपनी सूझबूझ से टाल दिया है। तमिलनाडु में सतर्क रेलवे अधिकारियों ने एक ट्रेन के डिब्बे के चेसिस में दरार का पता लगाने के बाद एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया। अधिकारियों ने तुरंत प्रभावित डिब्बे को कोल्लम-चेन्नई एक्सप्रेस से अलग कर दिया। यह खबर ओडिशा में एक बड़ी ट्रेन दुर्घटना के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें 275 लोग मारे गए थे और 1,000 से अधिक घायल हुए थे।
ट्रेन की बोगी में दरार
तमिलनाडु (Tamil Nadu) में सेनगोट्टई रेलवे स्टेशन पर रोलिंग स्टॉक की जांच के दौरान रविवार शाम को ट्रेन की बोगी में दरार का पता चला। दक्षिणी रेलवे के अधिकारियों (Southern Railway officials) ने मीडिया को बताया, “कल (रविवार को) दोपहर 3:36 बजे ट्रेन नंबर 16102 के S3 कोच में C & W स्टाफ ने तमिलनाडु के सेनगोट्टई स्टेशन में प्रवेश करते समय दरार देखी।”
दरार का पता चलने के बाद कोच को ट्रेन से अलग कर दिया गया और एक नया कोच जोड़ा गया। इसके करीब एक घंटे बाद शाम 4.40 बजे स्टेशन से ट्रेन रवाना हुई। दक्षिण रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि दरार का पता लगाने वाले कर्मचारियों की निगरानी के लिए सराहना की जाएगी और मदुरै डिवीजन के DEM द्वारा उन्हें सम्मानित किया जाएगा।” बताया जा रहा है कि दरार पहिये के ऊपर थी और काफी बड़ी थी। अगर कर्मचारी सतर्क न होते तो कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था।
ओडिशा में दो दिन पहले हुई थी बड़ी दुर्घटना
बता दें कि शुक्रवार की शाम 7 बजे ओडिशा में एक बड़ा रेल हादसा हुआ, जिसमें 275 यात्रियों की मौत हो गई और 1000 से अधिक लोग घायल हो गए। अभी तक पूरी तरीके से आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है। हालांकि रविवार रात को जहां पर हादसा हुआ वहां से कुछ ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया है। ओडिशा रेल हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, क्योंकि इसमें 275 नागरिकों की दर्दनाक मौत हो गई।
ओडिशा हादसे के बाद तमिलनाडु में रेलवे कर्मचारियों की सतर्कता ने एक बड़े हादसे को टाला है और देश को एक बड़े संकट से बचाया है। जाहिर है अगर कर्मचारी सतर्क न होते तो बड़ा हादसा हो सकता है।