लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने केरल की मलप्पुरम सीट से एक मुस्लिम उम्मीदवार को उतारा है। वहीं अक्सर देखा जाता है कि भाजपा कार्यकर्ता मुस्लिम प्रत्याशियों के समर्थन में कम ही वोट मांगते नजर आते हैं लेकिन जम्मू कश्मीर से एक हैरान कर देने वाला दृश्य सामने आया है।
बीजेपी कार्यकर्ता मुस्लिम प्रत्याशी के समर्थन में मांग रहे वोट
जम्मू कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट पर भाजपा के कार्यकर्ता एक मुस्लिम प्रत्याशी के समर्थन में वोट मांगते हुए नजर आए। यहां से बीजेपी ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतरा है और पार्टी ने जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन देने की रणनीति बनाई है। अब भाजपा के नेता यहां पर खुलकर अपनी पार्टी के प्रत्याशी जफर इकबाल मन्हास के समर्थन में वोट मांग रहे हैं।
बीजेपी ने अपनी पार्टी के साथ मिलकर किया रोड शो
हाल ही में जम्मू कश्मीर का केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दौरा किया था। इस दौरे के बाद से ही अनंतनाग राजौरी सीट पर समीकरण बदले हैं। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने पुंछ के मेंढर और राजौरी में अपनी पार्टी के प्रत्याशी जफर इकबाल के समर्थन में रोड शो भी किया। इस दौरान अपनी पार्टी और बीजेपी के झंडे एक साथ नजर आए। इस रोड शो में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष युद्धवीर सेठी भी मौजूद रहे।
परिसीमन के बाद बदला समीकरण
धारा 370 के हटने के बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। उसके बाद परिसीमन हुआ। इस परिसीमन में अनंतनाग राजौरी सीट में जम्मू कश्मीर के दोनों रीजन के इलाकों को शामिल किया गया। अनंतनाग राजौरी सीट में जम्मू का पुंछ जिला और राजौरी का दो तिहाई हिस्सा शामिल है। इस सीट के अंतर्गत कुल 18 विधानसभाएं आती हैं, जिसमें 11 कश्मीर और सात विधानसभा पुंछ और राजौरी की है। इस सीट पर 18.5 लाख के करीब वोटर हैं, जिसमें से 11 लाख वोटर कश्मीर और करीब 7.5 लाख वोटर जम्मू रीजन के हैं।
जब इस सीट का परिसीमन हुआ तो यहां पर डेमोग्राफी बदलने की भी बात कही जा रही है। जो कश्मीर के इलाके हैं वहां पर ज्यादातर आबादी मुस्लिम है, लेकिन पुंछ और राजौरी में गुजर और बक्करवाल समुदाय के लोग ज्यादा रहते हैं। अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट पर करीब 20 फ़ीसदी आबादी गुजर और बक्करवाल समुदाय की है। इसके अलावा यहां पर पहाड़ी, डोगरा, हिंदू और सिख समुदाय की भी आबादी है। माना जाता है कि परिसीमन के बाद यहां पर 50 फीसदी वोटर मुस्लिम और 50 फीसदी पहाड़ी और गुजर – बक्करवाल वोटरों की हो गई है।