पुणे। शिवसेना नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री शशिकांत सुतार ने आज कहा कि शिवसेना को ‘चूहा ’ कह कर भाजपा द्वारा खिल्ली उड़ाए जाने ने शिवसैनिकों के बीच रोष पैदा कर दिया है और 15 अक्तूबर के विधानसभा चुनाव में स्पष्ट जीत के लिए उनमें प्रचार का जोश भरा है।
अपने पूर्व सहयोगी दल को पिछले हफ्ते औरंगाबाद में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा ‘चूहा ’ कहे जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना के इस उपहास का निश्चित रूप से जवाब मिलेगा।’’
उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं में इसे लेकर रोष है जिन्होंने अपने बूते चुनाव जीतने की चुनौती स्वीकार की है और इस टिप्पणी ने निश्चित रूप से उनमें चुनाव के आखिरी दौर में प्रचार के लिए जोश भरा है।
उन्होंने मतदाताओं से कहा कि कुछ खास राजनीतिक पार्टियों की मंशा को समझें जिन्होंने अन्य राज्यों से कार्यकर्ताओं के समूह को महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के लिए और यहां रह रहे अपने संबद्ध समुदायों को लामबंद करने के लिए बुलाया है।
सुतार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘महाराष्ट्र के लोगों को शिवसेना को वोट देना चाहिए जो भगवान, राष्ट्र और धर्म में विश्वास करता है तथा शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने के सपने को साकार करें।’’
उन्होंने कहा कि यदि शिवसेना सत्ता में आई तो वह महाराष्ट्र का विभाजन नहीं होने देगी।
सुतार ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आदर करते हैं जिनसे हमें देश को एक मजबूत नेतृत्व मिलने की उम्मीद है जबकि शिवसैनिक चाहते हैं कि उद्धव ठाकरे राज्य की बागडोर थामे।’’
इस बीच, युवा सेना के प्रमुख आदित्य ठाकरे ने यहां बीती रात एक चुनाव रैली में कहा कि युवाआें को देश का भविष्य बताने वाली भाजपा द्वारा अपने नेतृत्व के साथ सीट बंटवारा वार्ता में उनके शामिल होने पर ऐतराज जताया जाना हैरत की बात है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं 24 साल का हूं। वोट देने का अधिकार 18 साल में दिया गया है। क्या महायुति :महागठबंधन: की वार्ता में मेरा शामिल होना अपराध है।’’
आदित्य ने आरोप लगाया कि शाह के नेतृत्व वाली पार्टी ने 25 साल पुराने गठबंधन को तोड़ कर शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे और भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की पीठ में छुरा घोंपा है।