Article 370 Abrogation: साल 2019 में जम्मू और कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने श्रीनगर का दौरा किया था। उन्होंने आर्मी कमांडर केजेएस ढिल्लों (KJS Dhillon) से मुलाकात कर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की थी। इस मुलाकात के 40 दिन बाद सरकार ने विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को निरस्त करने की घोषणा की थी। ढिल्लों उस समय सेना के रणनीतिक श्रीनगर स्थित XV कोर के प्रमुख थे। ढिल्लों ने अपनी नई किताब में इस वाकिए का जिक्र किया है।

मीटिंग में हुई थी कई संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा

टाइम्स नाओ की एक खबर के मुताबिक, 26 जून, 2019 को अमित शाह श्रीनगर दौरे पर थे। ढिल्लों ने अपनी किताब में बताया कि रात को 2 बजे उनके पास एक फोन आया था और उन्हें बताया गया कि अगले दिन सुबह 7 बजे उनकी गृहमंत्री के साथ मीटिंग है। इस यात्रा को लेकर पहले से ही अनुमान लगाए जा रहे थे कि आने वाले दिनों में कोई बड़ी घोषणा की जा सकती है। जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को 2019 में रद्द कर दिया गया था और राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर और लेह-लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था। जब यह निर्णय लिया गया तब ढिल्लों कश्मीर में स्थानीय सेना कमान का नेतृत्व कर रहे थे।

ढिल्लों एक सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल हैं। उन्होंने कहा कि मीटिंग के दौरान कई संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा की गई थी। इसमें “पाथ ब्रेकिंग डिक्लेरेशन” पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को समझना भी शामिल था। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल ने अपनी पुस्तक में कहा कि बैठक के समापन पर जब उनसे उनके व्यक्तिगत विचार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इतिहास रचने की बात कही थी। ढिल्लों ने कहा, “मैंने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर इतिहास लिखना है, तो किसी को इतिहास बनाना पड़ेगा।” 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की सरकार की घोषणा से पहले वो अमित शाह की श्रीनगर में आखिरी बैठक थी।

ढिल्लों ने अपनी पुस्तक में यह भी बताया कि उस दौरान राज्य में इंटरनेट सेवाओं को बंद करना पड़ा था क्योंकि सीमा पार से फैलाए जा रहे झूठ को रोकना जरूरी था। इसके अलावा, जान-मान के नुकसान का भी खतरा था। ढिल्लों ने लिखा, “आखिर में, मैं अपने पूरे गर्व के साथ यही कहूंगा कि जो उद्देश्य था, वह हासिल कर लिया गया।” ढिल्लों की किताब ‘कितने गाजी आए कितने गाजी गए’ का विमोचन 14 फरवरी को दक्षिण कश्मीर के लेथपोरा के पास 2019 में एक आत्मघाती कार बम हमले में शहीद हुए 40 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों के सम्मान में किया जाएगा।