केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में मंदी के माहौल को लेकर कहा कि जल्द ही भारत मंदी के माहौल से बाहर निकलेगा। उन्होंने कहा कि निर्मला सीतारमण और अुनराग ठाकुर मंदी से उबरने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। उनके इस बयान को लेकर लोगों ने उन्हें ट्रोल कर दिया।
एक यूजर ने लिखा कहीं “अर्थव्यवस्था” मुक्त भारत ना बना देना। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा है तुम इस तरह के बयान केवल पार्टी मीटिंग में दिया करो भक्त वहीं मिलेंगे। बाकी सब को बेवकूफ मत समझ करो।
गौरतलब है कि राइजिंग हिमाचल प्रदेश इन्वेस्टर्स मीट में मंदी की चर्चा पर अमित शाह ने कहा, ‘मैं उद्योग जगत को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि जो आज ग्लोबल मंदी का जो अस्थायी असर दिखाई दे रहा है। मोदी जी के नेतृत्व में निर्मला सीतारमण, अनुराग ठाकुर दोनों दिन रात परिश्रम करके अलग-अलग योजनाएं लाकर इससे लड़ने के लिए एक अच्छा प्लैटफॉर्म बना रहे हैं। मुझे भरोसा है कि कुछ समय में हम दुनिया में ग्लोबल मंदी से बाहर निकलने वाली सबसे पहली अर्थव्यवस्था होंगे।’
#WATCH Home Minister Amit Shah in Shimla: You are seeing temporary effects of global slowdown. Under leadership of Modi ji, Nirmala Sitharaman ji and Anurag ji are working day&night to fight it. I believe, Indian economy will be the first to be free from slowdown in the world. pic.twitter.com/eNhv2picnU
— ANI (@ANI) December 27, 2019
इस दौरान शाह ने हिमाचल प्रदेश राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ऐतिहासिक रिज मैदान में आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘कांग्रेस एंड कंपनी अफवाह फैला रही है कि मुसलमानों की नागरिकता जा सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं राहुल बाबा को चुनौती देता हूं कि मुझे बताएं कि क्या कानून में किसी की नागरिकता लेने से संबंधित कोई एक भी लाइन है। सीएए को लेकर गुमराह न करें, लोगों को न बांटें।’’ शाह ने कहा कि वह अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों से कहना चाहते हैं कि वे सीएए को पढ़ें जो अब सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘कानून का अध्ययन करिए। किसी की नागरिकता नहीं जाएगी।’’ गृह मंत्री ने कहा कि सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार अल्पसंख्यकों को नागरिकता उपलब्ध कराएगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के धार्मिक और अन्य अधिकारों की रक्षा करने से जुड़े नेहरू-लियाकत समझौते को क्रियान्वित करने में विफल रहा। इसकी वजह से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को संसद में कानून लाना पड़ा।
शाह ने शिमला में 13,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह में भी हिस्सा लिया।
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