केन्द्र सरकार आरटीआई कानून के तहत आवेदन की संख्या घटाने की योजना बना रही है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार अधिक से अधिक जानकारी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध कराएगी, जिससे RTI के तहत ‘कम से कम’ आवेदन की जरुरत होगी। अमित शाह ने सेंट्रल इन्फोर्मेशन कमीशन (CIC) के 14वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए शनिवार को ये बातें कहीं।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए शाह ने कहा, “आरटीआई आवेदन दायर करने के सहज तरीके उपलब्ध होने के बावजूद उनकी संख्या कम होने का अर्थ है कि सरकार का काम संतोषजनक है। आरटीआई आवेदन ज्यादा होना सरकार की सफलता को नहीं दर्शाता।” उन्होंने कहा, “हम एक ऐसा तंत्र लाना चाहते हैं जहां लोगों को सूचना पाने के लिए आरटीआई आवेदन दाखिल करने की जरूरत न महसूस हो।”

गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाई गई ‘‘डैशबोर्ड’’ प्रणाली ने सुनिश्चित किया कि हर किसी को बिना आरटीआई आवेदन दायर किए देश में जारी योजनाओं की ऑनलाइन जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा, ‘‘डैशबोर्ड के प्रयोग के जरिए, हमने एक नये पारदर्शी युग की शुरुआत की। एक व्यक्ति डैशबोर्ड पर जाकर देख सकता है कि कितने शौचालय बनाए गए।

डैशबोर्ड का प्रयोग कर लोग जान सकते हैं कि सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन कब मिलेगा। एक निरक्षर महिला डैशबोर्ड पर क्लिक कर जान सकती है कि उसे गैस सिलेंडर कब मिलेगा।’’ आरटीआई होना चाहिए इस बात पर जोर देते हुए शाह ने कहा कि सरकार पारर्दिशता सुनिश्चित करने के लिए कानून से दो कदम आगे बढ़ गई है।

गृहमंत्री ने कहा, ‘‘मेरा सीआईसी से एक अनुरोध है कि आप न सिर्फ आरटीआई आवेदनों का निपटान करें बल्कि लोगों को उन कदमों से भी अवगत कराएं जो सुनिश्चित करते हैं कि हमें आरटीआई आवेदन दायर करने की जरूरत नहीं है।’’ शाह ने कहा कि कानून बनाने की पीछे की मंशा को पूरा करने में देश पिछले 14 साल से सफल रहा है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून बनाने के बीच मूल विचार व्यवस्था में लोगों का विश्वास बढ़ाना था। उन्होंने कहा, ‘‘व्यवस्था संविधान के चार कोणों पर चलती है। कानून का मुख्य उद्देश्य लोगों में विश्वास पैदा करना है कि व्यवस्था संविधान के अनुसार चल रही है।

उन्होंने कहा कि हम डिजिटल रूप से सशक्त समाज की तरफ बढ़ रहे हैं।’’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री कार्यालय, कार्मिक और लोक शिकायत राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारत सरकार द्वारा सूचना के अधिकार को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण दिया।

उन्होंने बताया कि आज सरकार ने आरटीआई आवेदन के लिए ऑनलाइन पोर्टल बना दिया है और आप ऑनलाइन भी आरटीआई दायर कर सकते हैं, जबकि 2014 से पहले ऐसा नहीं था। उनके अनुसार गत 5 साल में अधिक पारर्दिशता आई है जिससे कि आरटीआई लगाने की ज़रूरत ही कम हो गई है। उन्होंने बताया कि 2019 में सितंबर तक 12 लाख शिकायतों का सफलतापूर्वक निस्तारण किया गया है।